महू में भारत रत्न डॉ.बाबा साहब अम्बेडकर जयंती पर महाकुंभ

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मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि हम सबका सौभाग्य है कि भारत रत्न बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर जैसे महापुरूष ने प्रदेश की धरती पर जन्म लिया। बाबा साहब प्रखर बुद्धिमान और प्रतिभा के धनी थे। वे व्यक्ति नहीं पूरी संस्था थे। अभाव और कठिनाइयों में भी उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की और आगे बढ़े। उनका जीवन हम सबके लिये प्रेरणादायी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान अम्बेडकर नगर (महू) में डॉ. अम्बेडकर की जयंती महाकुंभ में राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ‘ग्रामोदय से भारत उदय अभियान” की शुरूआत भी की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महाकुंभ में देश और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे श्रद्धालु सरकार के मेहमान हैं। सरकार आज मेजबान की भूमिका में है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद जब वे पहली बार महू आये थे, तो देखा कि कुंभ की तरह बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ बाबा साहब के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने आते हैं, किंतु उनके रुकने, खाने-पीने के कोई प्रबंध नहीं हैं। तभी तय किया कि डॉ.अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल को हर साल महाकुंभ होगा और सरकार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें बाबा साहब की जन्म-स्थली पर स्मारक बनवाने का सौभाग्य मिला। महाराष्ट्र सरकार ने भी इन्दु मिल की जमीन को बाबा साहब की भव्य प्रतिमा स्थापित करने के लिये सौंप दी है। इसके अलावा महाराष्ट्र और भारत सरकार ने लंदन में उस भवन को भी स्मारक बनाने के लिये खरीद लिया है, जिसमें रहकर बाबा साहब ने पढ़ाई की। उन्होंने बताया कि बाबा साहब के जीवन से जुड़े पाँच स्थान पंच तीर्थ के रूप में बनेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार सभी वर्गों की सरकार है, किंतु पहले उनकी है जो सबसे गरीब हैं, जो सबसे नीचे हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने गरीबों के उत्थान के लिये सतत् प्रयास किये। वे हमेशा शिक्षित बनने की बात कहते थे। सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के बच्चों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये नि:शुल्क गणवेश, किताबें, साइकिल जैसी सुविधाओं के साथ छात्रवृत्ति, छात्रावास, विदेश में अध्ययन की व्यवस्था और शहरों में किराये से कमरा लेकर पढ़ने की सुविधा की योजना लागू की है। साथ ही प्रायवेट मेडिकल/इंजीनियरिंग/ प्रबंधन संस्थानों में प्रवेश मिलने पर सरकार की ओर से फीस दिये जाने दिये की भी योजना संचालित है। रोजगार के लिये मुख्यमंत्री युवा उद्यमी और स्व-रोजगार जैसी योजनाएँ विशेषकर अनुसूचित जाति-जनजाति के युवकों के लिये शुरू की गई हैं। इन योजनाओं में बैंक ऋण की गारंटी राज्य शासन द्वारा दी जाती है।

वन, योजना, आर्थिक और सांख्यिकी मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के कार्यकाल में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा लाभ मिला है। सामाजिक समरसता के क्षेत्र में भी सर्वाधिक प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की दरों में खासी बढ़ोत्तरी की गयी है। प्रदेश में छात्रावासों की संख्या भी दोगुनी हो गयी है।

महाराष्ट्र की सांसद और भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री पूनम महाजन ने कहा कि बाबा साहब बड़े दूरदृष्टा थे। उन्होंने हमें ऐसा संविधान दिया जो हर परिस्थिति में समीचीन है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने इन्दु मिल की जमीन को बाबा साहब अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापना के लिये दे दी है और यह प्रतिमा जल्द ही बनकर तैयार होगी।

सम्मेलन को बौद्ध संत भंते श्री संघशीलजी ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण नर्मदा घाटी विकास, सामान्य प्रशासन और विमानन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लालसिंह आर्य ने दिया। जिला पंचायत की अध्यक्ष सुश्री कविता पाटीदार ने आभार माना।

प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बौद्ध संत भंते श्री संघशीलजी का पुष्प-गुच्छ भेंट कर अभिवादन किया। सम्मेलन में सांसद श्रीमती सावित्री ठाकुर, विधायक सुश्री उषा ठाकुर सहित अन्य जन-प्रतिनिधि मौजूद थे।

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