मानव अधिकारों का हम सभी को ज्ञान होना चाहिए – डीजे

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भिण्ड- (ईपत्रकार.कॉम) |जिला एवं सत्र न्यायाधीश मा.श्री तारकेश्वर सिंह ने कहा है कि मानव अधिकारों का हम सभी को ज्ञान होना चाहिए। जिससे नागरिक अपने अधिकारों का सदुपयोग कर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान स्थापित करने में सहायक हो सकते है। इसलिए मानव अधिकारों के संरक्षण की दिशा में शासन स्तर से निरंतर पहल की जा रही है। जिसमें नागरिकों को उनके अधिकारों को जानने की दिशा में प्रयास जारी है। वे आज जिला मुख्यालय स्थित एमजेएस कॉलेज के सभागार में मानव अधिकार एवं उसके क्रियान्वयन में नागरिको की भूमिका तथा निबंध प्रतियोगिता के प्रतिभागियों के पुरूस्कार वितरण कार्यक्रम को मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित करने के उपरांत संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी, पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सिंह कुशवाह, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ कुलदीप जैन, महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती मंजू अवस्थी, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री पवन कुमार बांदिल, प्रथम व्यावहार न्यायाधीश वर्ग-2 श्री संकर्षण प्रसाद पाण्डेय, ट्रेनीज जज सुश्री रेनू खांन, श्री शरद जयसवाल, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री संजीव जैन, डॉ नरेन्द्र कुमार ओझा, प्रोफेसर श्री केके राजौरिया, श्री राजेन्द्र सिंह राठौर, श्री अभिषेक यादव, श्री अनूप श्रीवास्तव, श्री आशुतोष मिश्रा, श्री नरेन्द्र सिंह, गणमान्य नागरिक, पत्रकार, महाविद्यालय के व्याख्याता, शिक्षक और छात्र-छात्राऐं उपस्थित थे।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश मा. श्री तारकेश्वर सिंह ने कहा कि नागरिक ज्ञान के माध्यम से अपने अधिकारों को भलीभांति समझने में सक्षम बन सकते है। साथ ही अपने कर्तव्यों पर खरे उतरते हुए उच्च से उच्च पदो पर आसीन होने का अवसर प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि ज्ञान के सिवाए कोई और चीज नहीं है। जिसके माध्यम से महाविद्यालय की छात्राओं ने मानव अधिकार पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर अधिकारो की भूमिका को प्रतिपादित किया है। जिसमें अव्वल स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि शुद्व जल, वायु, प्रकाश की महत्ता हम सभी के सामने है। इसलिए नागरिक मानव अधिकार को समझकर प्रगति की राह में अग्रसर हो सकते है। उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय के अवलोकन के दौरान कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी की संवेदनशीलता सभी के सामने परिलक्षित हुई थी। जिसमें सुशासन के मद्देनजर उन्होंने डेथबॉडी ले जाने के लिए वाहन की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित की। इसी की भांति छात्र संवेदनशील बनकर अपने कर्तव्य के प्रति लग्नशीलता के साथ पढ़ाई करते हुए उच्च से उच्च पदो पर आसीन होने का अवसर प्राप्त करने में सक्षम बन सकते है।

कलेक्टर डॉ.इलैया राजा टी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मानव अधिकारो के प्रति इस महाविद्यालय के छात्र सजग है। उनको समय समय पर उच्च शिक्षा की दिशा में प्रेरित करने की व्यवस्था संकल्प कोचिंग के माध्यम से दी जाती रही है। साथ ही यूपीएससी, पीएससी और अन्य राज्य स्तरीय केडर की परीक्षाओं में सफलता हासिल करने के प्रयास किए गए है। उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों लागू करने की व्यवस्था 1948 में की गई थी। इस व्यवस्था को कानूनी रूप देने के प्रयास किए। साथ ही भारत के संविधान में प्रजातंत्र में सभी को समानता का अवसर प्रदान किया गया है। इसीप्रकार सभी धर्मो को समानता का अधिकार प्रदान किया गया है। इसलिए छात्र अपने अधिकारों को जानते हुए प्रगति की राह पकडने में सक्षम बन सकते है।

पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सिंह कुशवाह ने कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ज्ञान के माध्यम से नागरिक मानव अधिकारों के प्रति सजग होकर प्रगति की रफ्तार पकड़ सकते है। उन्होने कहा कि सभी नागरिको को समानता का अधिकार प्राप्त है। साथ ही प्रजातंत्र में सभी को स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी के अधिकारों का हनन होता है। तब वह कानूनी कार्यवाही के लिए सक्षम है। इसलिए अधिकारों के साथ-साथ हम सभी को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मानव अधिकार पर निबंध प्रतियोगिता में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। जिसके लिए उन्हें कार्यक्रम में पुरस्कृत करने की सुविधा प्रदान की गई है।

द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ कुलदीप जैन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मानव अधिकारों के प्रति नागरिको को जागरूक करने की दिशा में प्रतिवर्ष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि 13 सितम्बर 1993 में मानव अधिकारों का हनन रोकने की दिशा में प्रयास किए गए थे। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में सभी को स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है। जिसमें सभी बराबरी के हकदार है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में रेगिंग रोकने की दिशा में कदम उठाए गए है। जिसके कारण छात्रों की समस्याऐं दूर हुई। उन्होंने कहा कि हर समस्या का निदान करने के लिए जागरूक होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मोबाईल, इन्टरनेट से शिक्षा की दिशा में जानकारी छात्र प्राप्त कर सकते है। साथ ही उसका उपयोग ज्ञान अर्जित करने की दिशा में किया जा सकता है। कार्यक्रम में डॉ नरेन्द्र कुमार ओझा, छात्रा कु. दीक्षा शर्मा एवं छात्र हेमंत शर्मा ने मानव अधिकारो के प्रति अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

निबंध प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं को शील्ड एवं प्रमाण पत्र प्रदान
जिला एवं सत्र न्यायाधीश मा.श्री तारकेश्वर सिंह, कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी, पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सिंह कुशवाह, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ कुलदीप जैन एवं अन्य अतिथियों ने मानव अधिकार पर आयोजित कार्यक्रम में निबंध प्रतियोगिता में अब्बल स्थान प्राप्त करने वाले छात्रा ज्योति गोयल को प्रथम, पूजा चौहान को द्वितीय, दीक्षा शर्मा को तृतीय, स्वाती शर्मा को चतुर्थ, छात्र पवन कुमार बांदिल आदि को शील्ड एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो.नरेन्द्र सिंह ने किया। अंत में आभार प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 श्री संकर्षण प्रसाद पाण्डेय ने सभी के प्रति प्रदर्शित किया।

महाविद्यालय की ई-लायब्रेरी का किया निरीक्षण
जिला एवं सत्र न्यायाधीश मा.श्री तारकेश्वर सिंह ने कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी, पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सिंह कुशवाह, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ कुलदीप जैन, महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती मंजू अवस्थी, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री पवन कुमार बांदिल, प्रथम व्यावहार न्यायाधीश वर्ग-2 श्री संकर्षण प्रसाद पाण्डेय, ट्रेनीज जज सुश्री रेनू खांन, श्री शरद जयसवाल के साथ एमजेएस महाविद्यालय स्थित ई-लायब्रेरी का निरीक्षण किया।

डीजे मा. श्री तारकेश्वर सिंह ने निरीक्षण के दौरान कहा कि कॉलेज स्तरीय छात्र-छात्राओं को ई-लायब्रेरी के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं में पारंगत होने के लिए व्यवस्थित तरीके से सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि यूपीएससी, पीएससी, न्यायिक परीक्षा आदि में छात्र उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करें। इसके लिए और अधिक उपयोगी पुस्तको की व्यवस्था प्राचार्य एमजेएस कॉलेज द्वारा सुनिश्चित की जावे।

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