टीकमगढ़ – (ईपत्रकार.कॉम) |कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, उप संचालक कृषि, सहायक संचालक उद्यान एवं सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत किसानों के पंजीयन एवं अन्य सभी तैयारियां सुनिश्चित करें।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री भावांतर योजना के अंतर्गत वर्तमान में सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द आदि फसलों के विरूद्ध किसानों को अंतर की राशि का लाभ पहुंचाया जाना है। उक्त योजना हेतु किसानों का पंजीयन कार्य रबी विपणन वर्ष 2017-18 के तर्ज पर समिति स्तर पर किया जाना है। पंजीयन कार्य 11 सितम्बर 2017 से 11 अक्टूबर 2017 तक किया जाना है। तत्पश्चात राजस्व विभाग से सत्यापन कार्य 30 अक्टूबर तक कर पोर्टल पर इन्द्राज करवाया जाना है।
जैसा कि ज्ञात है कि प्रदेश के किसानों को कृषि उपज का उचित मूल्य प्रदान करने के लिये सरकार द्वारा भावान्तर भुगतान योजना लागू की जा रही है। इसके तहत अब अंतर के भुगतान की राशि सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगी। यह योजना किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिये लागू की गई है। इस योजना के तहत किसानों का 11 सितम्बर 2017 से 11 अक्टूबर 2017 तक भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल में पंजीयन किया जायेगा। पोर्टल पर पंजीयन के समय किसान के द्वारा स्वयं का आधार कार्ड क्रमांक/समग्र क्रमांक, बैंक खाता क्रमांक तथा मोबाइल नंबर दर्ज कराना अनिवार्य है।
योजना के तहत यदि किसान द्वारा मण्डी समिति परिसर में विक्रय की गयी अधिसूचित फसल की विक्रय दर न्यूनतम सर्मथन मूल्य से कम किन्तु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर से अधिक हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अंतर की राशि किसान के खाते में ट्रांसफर की जायेगी।
इस योजना में खरीफ-2017 में सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द एवं तुअर की फसलें शामिल की गई है। इन फसलों के लिये जो भी उचित मूल्य होगा उनके आधार पर भुगतान किया जायेगा। हर फसल को अलग-अलग समय तक पंजीयन कराने की योजना रहेगी। इसमें मॉडल विक्रय दर की गणना मध्यप्रदेश तथा दो अन्य राज्यों की मॉडल विक्रय दर का औसत होगा।
योजना में फसलों के मण्डी में विक्रय अवधि तुअर के लिये एक फरवरी 2018 से 30 अप्रैल 2018 तक, सोयाबीन,मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग ओर उड़द के लिये 16 अक्टूबर 2017 से 15 दिसम्बर 2017 तक निर्धारित की गई है।