मैं पैदाइशी कांग्रेसी हूं, बादल की पोल खोलूंगाः नवजोत सिंह सिद्धू

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नई दिल्ली: क्रिकेट से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू ने आज कहा कि वह पंजाब बचाने के लिए कांग्रेस में आए हैं इसलिए किसी भी नेता के साथ और कहीं से भी चुनाव लडऩे को तैयार हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद सिद्धू ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि उनकी लड़ाई पंजाब का गौरव लौटाने की है और इसी मकसद से वह कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कांग्रेस नेतृत्व इस मुहिम में उन्हें जिस नेता के तहत और जिस सीट से भी चुनाव लडऩे को कहेगा वह पार्टी हाई कमान के आदेश का पालन करेंगे।

पंजाब के स्वाभिमान की लड़ाई लडऩे के लिए कांग्रेस में आए हैं
सिद्धू ने कहा कि ‘मैं पैदाइशी कांग्रेसी हूं, ये मेरी घरवापसी है। वह पंजाब के स्वाभिमान की लड़ाई लडऩे के लिए कांग्रेस में आए हैं। पंजाब को कैसे बचाना है और वहां फैले नशाखोरी के रोग से युवाओं को कैसे सुरक्षित रखना है, इस बारे में उनकी कांग्रेस उपाध्यक्ष से विस्तार से बातचीत हुई है। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद राज्य के विकास के लिए नीति बनायी जाएगी और पंजाब को उसका गौरव लौटाने की लड़ाई मजबूती से लड़ी जाएगी। पंजाब की शिरोमणि अकाली दल की सरकार पर निशाना साधते हुए सिद्धू ने कहा कि बादल सरकार के मंत्रियों और बड़े नेताओं के संबंध नशे के सौदागरों से हैं। पंजाब सरकार राजकोष का इस्तेमाल अपना निजी खजाना भरने के लिए करती रही है और उसने जनता की परवाह नहीं की है इसलिए अब‘बादल के तख्त गिराए जाएगें और ताज उछाले जाएगें।’

बादल सरकार ने अन्नदाता को भिखारी बना कर छोड़ दिया
उन्होंने कहा कि पंजाब मुल्क की ढाल रही है लेकिन उसे अब खोखला बना दिया गया है। बादल सरकार ने अन्नदाता को भिखारी बना कर छोड़ दिया है वहां की साख को धूल में मिला दिया है इसलिए लड़ाई सिद्धू की निजी नहीं बल्कि पंजाब के अस्तित्व और स्वाभिमान को बचाने की है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में युवाओं की आबादी सर्वाधिक है। वहां की करीब दो करोड़ लोगों की आबादी में से 103 करोड युवा हैं जिनमें 55 फीसदी आबादी 18 से 39 साल के बीच के लोगों की है। उन्होंने कहा कि पंजाब को उसका खोया गौरव लौटाने के लिए इन युवाओं में आत्मविश्वास पैदा करने की आवश्यकता है और कांग्रेस में आकर वह यह काम करेंगे।

भाजपा ने पंजाब में गठबंधन के लिए अकाली दल को चुना था
भारतीय जनता पार्टी छोडऩे और कांग्रेस में शामिल होने संबंधी सवाल पर सिद्धू ने कहा कि भाजपा ने पंजाब में गठबंधन के लिए अकाली दल को चुना था और उन्होंने पंजाब को बचाने का विकल्प चुना था। इस मुद्दे पर असहमति के बाद उन्होंने भाजपा छोड़ दी। आम आदमी पार्टी से उनकी बातचीत जरूर हुई थी लेकिन यह पार्टी उन्हें चुनाव नहीं लड़ाना चाहती थी , इसलिए उनके पास कांग्रेस के सिवा कोई विकल्प नहीं था।

सिद्धू की थी लम्बे समय से कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा
गौरतलब है कि भाजपा के पूर्व सांसद सिद्धू को कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कल अपने आवास पर औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल किया था। उनकी लम्बे समय से पार्टी में शामिल होने की चर्चा थी , जबकि उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू 28 नवंबर को कांग्रेस में शामिल हो गयी थी। उन्होंने उसी दिन कहा था कि सिद्धू जल्द ही पार्टी में शामिल हो जाएंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार सिद्धू अमृतसर पूर्वी विधान सभा सीट से चुनाव लड़ंगे और वह विधानसभा चुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारक होंगे। कांग्रेस राज्य की 117 विधानसभा सीटों के लिए 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। राज्य में एक ही चरण में चार फरवरी को चुनाव होगा।

 

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