उत्तर प्रदेश में बीजेपी के प्रमुख चेहरों के तौर पर शुमार किए जाने वाले नेता और पार्टी सांसद उत्तर प्रदेश विधानसभा के मद्देनजर पहली बार लखनऊ के पार्टी ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए. मौके पर उन्होंने अयोध्या में राममंदिर मुद्दा, कैराना पलायन, अवैध कत्लखाने, डेमोग्राफिक चेंज और एंटी रोमियो स्क्वॉड जैसे मुद्दों पर जोर दिया. उन्होंने इन मुद्दों को ध्रुवीकरण के बजाय आम लोगों का मुद्दा कहा.
योगी आदित्यनाथ द्वारा कही गई मुख्य बातें
वे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था के लिए स्पेशल पुलिस के साथ साथ एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाने की बात कहते हैं. वे लोक संकल्प पत्र के माध्यम से 4 महीने में मैनिफेस्टो पर काम करने की बात कहते हैं. वे एंटी रोमियो स्क्वॉयड, पलायन के साथ साथ कत्लखानों पर भी तेजी से काम करने की बात कहते हैं. वे कहते हैं कि एनजीटी बार-बार अवैध कत्लखानों पर रोक की बात कहते हैं. वे इस पर सख्ती से रोक लगाने की बात कहते हैं. इसके अलावा वे यांत्रिक कत्लखाने पर तुरंत रोक लगाए जाने की बात करते हैं.
प्रतिदिन यूपी के मुख्यमंत्री से सवाल
योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि वे प्रतिदिन यूपी के मुख्यमंत्री से एक सवाल करेंगे. वे कहते हैं कि सीएम ने परिवार की लड़ाई को लेकर एक सियासी ड्रामा किया. उन्होंने समाजवादी पार्टी की पीआर एजेंसी का हवाला देते हुए कहा कि वे जीतने वाले नहीं हैं. अगर ड्रामा न होता तो अखिलेश के लिए यह और भी मुश्किल होता.
अयोध्याकांड में रामभक्तों की भूमिका
योगी कहते हैं कि अयोध्या में जो पहले घटा उसमें रामभक्तों की महत्वपूर्ण भूमिका है. साथ ही जो आगे होगा उसमें रामभक्तों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. वे आगे कहते हैं कि पश्चिमी यूपी में उन्होंने कोई ध्रुवीकरण नहीं किया है. उन्होंने बस इलाके के लिए अहम मुद्दे उठाए. वे कहते हैं कि यूपी की बड़ी आबादी ट्रिपल तलाक से प्रभावित है और महिला सशक्तीकरण के लिए यह जरूरी है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूपी में जनसांख्यिकी असंतुलन एक सच्चाई है. अगर यहां कानून व्यवस्था ठीक न हुई तो कश्मीर बनने में वक्त नहीं लगेगा. हालांकि अंत में वे खुद के मुख्यमंत्री बनने के सवाल को टाल गए.