रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. अभी तक ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर यात्रियों को 92 पैसे में दस लाख रुपये तक का यात्रा बीमा कवर दिया जा रहा है. अब इसे बढ़ाकर 5 रुपये में 25 लाख रुपये तक यात्रा बीमा कवर देने पर विचार किया जा रहा है.
यात्रा बीमा कवर का बढ़ सकता है दायरा
इस बीमा कवर का दायरा भी बढाने की भी योजना है. इसमें सामान चोरी शामिल करने के साथ इसे ट्रेन से लेकर रेलवे स्टेशन तक बढ़ाया जा सकता है. यात्रा बीमा में ऑनलाइन यात्रियों के साथ-साथ काउंटर पर टिकट बुकिंग करने वाले यात्रियों, मासिक यात्रा पास (एमएसटी) वालों को शामिल किए जाने पर विचार किया जा रहा है. आईआरसीटीसी ने इंश्योरेंस कंपनियों के साथ 5 रुपये में 25 लाख रुपये का बीमा कवर देने के मुद्दे पर बात की है.
मिल रही है यात्रियों से अच्छी प्रतिक्रिया
रेलवे की ऑनलाइन टिकटिंग में यात्रा बीमा लेने वालों की संख्या 46 लाख तक पहुंच गई है. रेलवे को उम्मीद है कि सितंबर खत्म होते-होते एक करोड़ रेलयात्री यात्रा बीमा कराएंगे. लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया को देखते हुए रेलवे भी उत्साहित है. यात्रा बीमा को ट्रेन के अंदर हुए किसी हादसे के साथ-साथ स्टेशन पर होने वाली किसी दुर्घटना को भी कवरेज में लेने के लिए आईआरसीटीसी ने बुधवार को 12 इंश्योरेंस कंपनियों के साथ एक बैठक की.
ऑनलाइन टिकटिंग में 92 पैसे में 10 लाख रुपये के यात्रा बीमा कवर की सुविधा यात्रियों के लिए उपलब्ध है. इसमें भी यात्री को हां या ना का विकल्प दिया जाता है. आईआरसीटीसी इस बात पर भी विचार कर रही है कि यात्रियों के टिकट में यात्रा बीमा अपने आप शामिल हो जबतक इसे ऑप्ट आउट न किया जाए.
इंश्योरेंस कंपनियों से 1 हफ्ते में स्कीम जमा कराने के लिए कहा
इंश्योरेंस कंपनियों के साथ हुई बैठक के बाद आईआरसीटीसी के सीएमडी डॉ ए के मनोचा ने बताया कि उनकी बीमा कंपनियों से बात हुई है. बैठक में इंश्योरेंस कंपनियों की तरफ से जो सुझाव आए उनके मुताबिक कंपनियां कॉरपोरेट और सरकारी कर्मचारियों को सामान चोरी के मामले में यात्रा बीमा देने की इच्छुक हैं. लेकिन आम आदमी को लेकर इंश्योरेंस कंपनियों बहुत उत्साह नहीं दिखा रही हैं. बैठक में ये बात निकल कर सामने आई कि सामान चोरी मामले में बहुत से झूठे क्लेम भी सामने आ सकते हैं. इससे निपटने के लिए कंपनियों ने प्रावधान करने की बात कही.
इंश्योरेंस कंपनियों के साथ हुई बैठक में हॉस्पिटलाइजेशन के लिए मौजूदा रकम को बढ़ाकर 5 लाख किए जाने पर भी विचार किया गया. इंश्योरेंस कंपनियों को इस बारे में हफ्तेभर के अंदर अपनी स्कीम आईआरसीटीसी के पास जमा करने को कहा गया है.