लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में साढ़े तीन साल की सजा, 10 लाख जुर्माना

0

बिहार में अरबों रुपए के बहुचर्चित चारा घोटाले के एक मामले में आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन वर्ष की कारावास और दस लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने देवघर कोषागार से अवैध निकासी के नियमित मामले 64ए/96 में दोषी करार दिए गए लालू यादव समेत 16 अभियुक्तों की सजा के बिंदुओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह सजा सुनाई है। इस मामले में राजद अध्यक्ष को भारतीय दंड विधान की धारा 120बी, 420, 467, 471 एवं 477बी तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2), 13(1) (सी) (डी) के तहत साढ़े तीन साल कारावास के साथ ही 10 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि नहीं देने पर उन्हें एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

एक नजर लालू यादव की सजा परः
राजद अध्यक्ष लालू यादव को भारतीय दंड विधान की धारा 120बी, 420, 467, 471 एवं 477बी के तहत साढ़े तीन साल कारावास और पांच लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है, वहीं भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2) एवं 13(1)(सी)(डी) के तहत साढ़े तीन साल सजा और पांच लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी इसलिए लालू यादव को साढ़े तीन साल ही कारावास में काटना होगा जबकि उन्हें 10 लाख रुपए जुर्माना देना होगा।

रणनीति बनाने में जुट गई राजद
राजद इसके बाद की स्थिति से निपटने के लिए अभी से ही रणनीति बनाने में जुट गई है। इसे लेकर शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर राजद के शीर्ष नेताओं के बीच मंथन हो रहा है। इस बैठक में बड़ी संख्या में राजद के नेता और कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं। राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने इस बैठक में भाग लेने के पूर्व बताया, “यह बैठक पूर्व निर्धारित था। इस बैठक में पार्टी को मजबूत करने और भविष्य की रणनीति पर विचार किया जाएगा।

वरिष्ठ नेता ले रहे हैं बैठक में भाग
बैठक में पहुंचने वाले कार्यकर्ताओं ने एक सुर में कहा कि लालू कहीं भी रहें उनकी नीति और सिद्घांत हमारे साथ है। बैठक में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, रघुवंश प्रसाद सिंह, विधायक भाई वीरेंद्र सहित सभी वरिष्ठ नेता भी भाग ले रहे हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव के नेतृत्व में हो रही इस बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी के सांसद, विधायक, विधान पार्षद, पार्टी के पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है।

ये है पूरा केस
साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपए निकालने का आरोप है. इस दौरान लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। हालांकि, ये पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपए का है, जिनमें से एक देवघर कोषागार से जुड़ा केस है। इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर, 1997 को मुकदमा दर्ज किया था। आज लगभग 20 साल बाद इस मामले में फैसले की घड़ी आई है। इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपए अवैध ढंग से निकालने के चारा घोटाले के एक दूसरे केस में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है।