लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना मानव अधिकार का मुख्य उद्देश्य है-श्री भदकारिया

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नीमच- (ईपत्रकार.कॉम) |मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस 13 सितम्बर के अवसर पर जिला न्यायालय, परिसर नीमच में स्थित ए.डी.आर. सेन्टर भवन के सभागृह में मानव अधिकार एंव मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संबंध में विचार गोष्ठी का आयोजन बुधवार को किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ जिला न्यायाधीश श्री महेश भदकारिया, विशेष न्यायाधीश श्री आर.पी.शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक श्री टी.के. विद्यार्थी ने मॉ-सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। तदपश्चात् मानव अधिकार मित्र श्री भानुप्रताप दवे, सेवा निवृत्त केप्टन आर.सी.बोरीवाल एवं श्री अर्जुन पंजाबी ने अपने विचार व्यक्त कर मानव अधिकार विषय पर प्रकाश डाला। अध्यक्ष अभिभाषक संघ श्री सुरेशचन्द्र शर्मा ने मानव अधिकार के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के निचले तबके से लेकर प्रत्येक नागरिक को अपने कानूनी अधिकार प्राप्त करने की स्वतंत्रता है। सभी को न्याय प्राप्त हो, यही मुख्य उद्देश्य मानव अधिकार आयोग एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्रधिकारण का है।

पुलिस अक्षीक्षक श्री तुषारकांत विद्यार्थी ने विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज परिस्थिति में काफि बदलाव आया है लोगों की मानसिकता पुलिस के प्रति यही होती है, कि पुलिस छोटी-मोटे मामलों में परेशान करती है। जबकि ऐसा नही है, एस पी ने कहा कि वर्तमान में पुलिस की कार्य प्रणाली में काफी सुधार आया है। मानव अधिकार का हनन न हो इस बात का पूरा ध्यान पुलिस द्वारा रखा जाता है।
कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश श्री महेश भदकारिया ने कहा कि सभी नागरिकों को  मूल-भूत सुविधाएं प्राप्त हो, प्रत्येक नागरिक को रोटी,कपडा, मकान की बुनियादी सुविधा मिलना चाहिए। बिना किसी भेद-भाव, के सभी को  समानता का अधिकार है, हमारा प्रयास होता है, कि पीडित व्यक्ति को शीघ्र न्याय मिले। लोगों को उनके  अधिकारों के प्रति जागरूक करना मानव अधिकार का मुख्य उद्देश्य है। यदि कोई गरीब व्यक्ति है, और उन्हे कानूनी सहायता/सलाह की आवश्यकता होती है, तो उसे निःशुल्क अभिभाषक  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।

इस अवसर पर न्यायाधीशगण, श्रीमती प्रियाशर्मा, श्री आर, के शर्मा, श्री नीरज मालवीय, श्री अमूल मण्डलोई, सुश्री शीतल बघेल, श्री मनीष पारीक, डॉ. एस.एल.मित्तल तथा समाज सेवी, मानव अधिकार मित्रगण, अभिभाषकगण, पैरालीगल वॉलेन्टियर्स, पैनल अधिवक्ता, मध्यस्थ सहित मीडियाकर्मी, पत्रकारगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री शक्ति रावत ने किया। आभार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं व्यवहार न्यायाधीश श्री मनोरकुमार राठी ने व्यक्त किया। उक्त विचार गोष्ठी के अतिरिक्त  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्ववाधान में तहसीलस्तर पर मानव अधिकार एंव उसके क्रियान्वयन में नागरिकों की भूमिका विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इसके साथ ही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री आर.के.शर्मा द्वारा जिले में स्थित कनावटी जेल का निरीक्षण कर बंदियों को मानव अधिकार एवं उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानकारी भी दी गई।

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