वास्तु शास्त्र के ये नियम आपके बैडरूम को बनाएं खास

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आज के दौर में जहां परिवार और घर सिमट कर रह गए हैं वहीं सामान्य मध्यम वर्ग का परिवार गुजर करता है तब वास्तु विज्ञान अति विचारणीय है। पति-पत्नी के सम्बन्धों का ज्ञान बैडरूम की साज सज्जा को देखकर कोई भी वास्तु शास्त्री आसानी से लगा सकता है। शयन कक्ष का निर्माण वास्तु आधार पर करना चाहिए। शयन कक्ष का निर्माण एवं उसको व्यवस्थित करते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना चाहिए, जिससे भवन स्वामी और उसका परिवार सुखी रहें…..

  • शयनकक्ष में जूठे बर्तन रखने से परिवार में कलह क्लेश और धन की हानि होती है।
  • पलंग के ऊपर अलमारियों अथवा शैल्फ का निर्माण नहीं करवाएं।
  • शयन कक्ष का द्वार आपके पलंग से नजर आना चाहिए अन्यथा आपको अन्जाना डर घेरे रहेगा।
  • जब आप सोएं तो आपके पैर दरवाजे के ठीक सामने नहीं होने चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति को शव की स्थिति माना जाता है।
  • आग्नेय कोण में पति-पत्नी को एक साथ नहीं सोना चाहिए। इससे उनके बीच मनमुटाव रहता है तथा वह एक-दूसरे की बुराई खोजने में ही लगे रहते हैं।
  • पति-पत्नी में रोमांटिक रिश्ते बरकरार रहें इसके लिए शयन कक्ष के नैऋत्य कोण में लव बर्डस का जोड़ा रखें।
  • शयनकक्ष के द्वार के सामने दाएं ओर पति – पत्नी के जोड़े वाली तस्वीर लगाएं।
  • नवदंपती का शयनकक्ष वाव्यव-उत्तर दिशा में होना चाहिए जिससे उनके वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है।

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