माघ शुक्ल पक्ष के पचंमी तिथि को बसंत पंचमी कहा जाता है। जहां इस दिन मंगल एवं चंद्र मीन राशि में महा लक्ष्मी योग में साथ रहेंगे। वही धन वैभव, सुख सम्पन्नता कारक ग्रह शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में ही विद्यमान रहेंगे। इसलिए इस दिन किया गया पूजन अर्चना विद्या ,धन ,सहित समस्त प्रकार के वैभव के लिए अति शुभ कारक है। इस दिन लेखनी पूजा, नामकरण, व्यापार शुरू किया जा सकता है।
माघ मास धार्मिक कृत्य, अनुष्ठान, जप, दान पुण्य सहित समस्त शुभ कार्यों को प्रारम्भ करने का अति महत्त्वपूर्ण माह है। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी पर्यन्त गुप्त नवरात्र में सिद्धि प्राप्त करने के लिए साधक माता भगवती की गुप्त रूप से साधना अनुष्ठान करते है। यह नवरात्र 28 जनवरी से प्रारम्भ होकर 5 तक रहेगा।
मां सरस्वती की पूजन विधि
सुबह स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र पहनें और उत्तर-पूर्व दिशा में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल अर्पितकरने चाहिए। पंचामृत से मां को भोग लगाना चाहिए। कुछ लोग इस दिन खीर का भोग भी लगाते हैं।