विशाल हृदय वालों के लिये पूरा विश्व है – मुख्यमंत्री

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इन्दौर  – ईपत्रकार.कॉम |प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सर्वधर्म का आँगन बना गाँधी हाल में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में विश्व कल्याण के तीन मार्ग बतलाये। इन तीन मार्गों पर चलकर एकात्म भाव अपनाकर विश्व कल्याण और विश्व की समस्त विपदाओं, समस्याओं का निदान निकाल सकने की बात कही। ज्ञान मार्ग, श्रेष्ठ मार्ग पर चलकर शक्ति प्रदान करता है। भक्ति मार्ग जो पिता, स्वामी, सखा और धर्म का रास्ता बतलाता है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने तीसरे मार्ग का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी वर्ग अपना-अपना निर्धारित काम ईमानदारी से करें तो विश्व कल्याण नजदीक होगा। डॉक्टर इलाज, शिक्षक शिक्षा, किसान खेती और माता-पिता बालक-बालिकाओं का वास्तविक पालन, यह कर्म मार्ग ही है, जो विश्व कल्याण की कामना करता है। हम विशाल हृदय वालों के लिये पूरा विश्व हमारा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर में एकात्म यात्रा के पहुंचने पर आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में भक्ति मार्ग के दो अलौकिक वृतान्त सुनाये। एक बजरंग का और दूसरा आदिगुरु शंकराचार्य का। ये दोनों ही वृतान्त एकात्म भाव के जीवंत और साक्षात उदाहरण है। गाँधी हाल स्थित आयोजित कार्यक्रम में महामण्डलेश्वर राधे राधे बाबा, अन्ना महाराज, कम्प्यूटर बाबा, लक्ष्मणदासजी महाराज, स्वामी प्रणवानंदजी महाराज, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक, गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री कृष्णमुरारी मोघे, श्री राघवेन्द्र गौतम एवं इंदौर के समस्त विधायकगण एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

एक ही आत्मा एक ही चेतना समस्त प्राणियों में विराजित
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसंवाद में कहा कि सभी प्राणियों में एक ही आत्मा व एक ही चेतना विराजित है। यहाँ कोई बड़ा, कोई छोटा नहीं है। हम सब उसी आत्मा से बने हैं। सत्य एक है, जिसे सभी अलग-अलग तरह से देखते हैं। भगवान विष्णु के अवतार भी एकात्म भाव का परिचय देते हैं, चाहे कुर्म अवतार हो या नृसिंह अवतार, एकात्म भाव ही बतलाते हैं। यहाँ तक की सभी ईश्वरों और उनके वाहन भी एक ही चेतना से बने हैं। पेड़-पौधे, जीव-जन्तुओं से एकात्म भाव जागृत होता है। इतना ही नहीं हमारे जन्म से ही हमें लोरियों में भी एकात्म भाव का रूप ही बतलाया गया है, जिसे “हम चंदा मामा दूर के, पूरे पकाये दूध के” बतलाया गया है। सारे भेदभाव दूर करने की भावना ओंकारेश्वर में स्थापित होगी। यहाँ ओंकार पर्वत पर एकात्म भाव और वेदान्त दर्शन के रचयिता आदि गुरु शंकराचार्य की अष्ट धातु से निर्मित प्रतिमा, गाँव-गाँव से आयी मिट्टी व धातु एकात्म भाव को जागृत करेगी।

जनसंवाद में सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 22 जनवरी को एकात्म यात्रा की पूर्णता के अवसर पर आदि गुरु शंकराचार्य की अष्ट धातु से निर्मित विशाल प्रतिमा, आचार्य शंकर संग्रहालय और वेदान्त संस्थान का भूमिपूजन कार्यक्रम होना है। आप सब इसमें आये और एकात्म भाव में शामिल हों।

ब्रिटिश पार्लियामेंट का मुख्यमंत्री को निमंत्रण
इंदौर में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में ब्रिाटिश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित हुए श्री संतोष मिश्र ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को ब्रिाटिश पार्लियामेंट का निमंत्रण भेंट किया। उन्होंने सम्बोधन में कहा कि इंग्लैण्ड से प्रदेश के मंत्रालय को पत्र भेज दिया गया है। प्रदेश सरकार इस पर जो भी निर्णय लेगी, उसका सम्मान किया जायेगा। श्री संतोष ने बतलाया कि 19 दिसम्बर से प्रदेश में चार स्थानों से प्रारंभ हुई एकात्म यात्रा को वल्र्ड बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल किया गया है। शंकराचार्य की एकात्म यात्रा का सम्मान करने के लिये ब्रिटिश सरकार ने श्री संतोष मिश्र को इंदौर भेजा है। श्री संतोष ने
मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड का सर्टिफिकेट भेंट किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर नगर निगम महापौर और अधिकारियों से कहा कि वे इंदौर में जहाँ आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं, वहाँ स्थापित होगी। यह निर्णय स्थानीय जनता और अधिकारी व प्रतिनिधियों को करना है। उल्लेखनीय है कि यात्रा की तैयारी करने में लगे गोस्वामी समाज ने इंदौर में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित करने की माँग रखी थी। जिसके बारे में यात्रा प्रभारी श्री शंकर लालवानी ने अपने स्वागत सम्बोधन में मुख्यमंत्री के सामने रखी।

एकात्म यात्रा को सम्बोधित करते हुए अखण्ड धाम के परमानंदजी महाराज ने जीव के भ्रम और भ्रम के सत्य होने के बारे में विस्तार से बतलाया। उन्होंने एक आत्मा की यात्रा को ही एकात्म यात्रा होना बतलाया। इसी तरह परमानंदजी महाराज ने शरीर के समान व्यवहार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि शरीर के सभी अंग जिस तरह से अपना-अपना कार्य एक अनुपात में और जरूरत के मुताबिक करते है उसी तरह मानव को भी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति जरूरत के बराबर ही करना चाहिये। एकात्म यात्रा के जनसंवाद के दौरान भानपुरा पीठाधीश्वर शंकराचार्य महाराज ने भी अपना संक्षिप्त सम्बोधन दिया।

नगर निगम महापौर श्रीमती गौड़ ने इंदौर वासियों को एकात्म भाव का संकल्प दिलाया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कन्याओं का पूजन, कलश और चरण पादुकाओं का पूजन किया। जनसंवाद कार्यक्रम का समापन आरती के साथ हुआ।

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