वृद्धजन हमारे लिए अनमोल होते है, क्योकि इनके पास अनुभव का खजाना होता है

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बड़वानी – (ईपत्रकार.कॉम) |वृद्धजन हमारे लिए अनमोल होते है, क्योकि इनके पास अनुभव का खजाना होता है। जिस प्रकार खजाना दुःख-दर्द को दूर करने में सहायक होता है, उसी प्रकार वृद्धजन के पास संग्रहित अनुभव का खजाना घर-परिवार-समाज के दुःख दर्द को दूर करते हुए विकास का मार्ग प्रशस्त करने में हमेशा सक्षम होता है। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने वृद्धजन को उसी प्रकार संरक्षण दे, जिस प्रकार हम अपने बच्चो को देते है।

रविवार 01 अक्टूबर को नगर पालिका परिसर बड़वानी में नगर पालिका एवं समाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वृद्धजन का सम्मान करते हुए उक्त बाते तहसीलदार बड़वानी श्री भागीरथ वाखला एवं क्षेत्र के प्रसिद्ध समाज सेवी श्री वल्लभदास अग्रवाल द्वारा कही गई। इस कार्यक्रम में 100 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके 17 वृद्धजन को 1-1 हजार रुपये तथा शाल श्रीफल देकर तथा अन्य 27 वृद्धजन का सम्मान शाल श्रीफल देकर किया गया।

किया गया वृद्धजनो का स्वास्थ्य परीक्षण
अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वृद्धजन का सम्मान करने के पश्चात् जिला चिकित्सालय के डाक्टरो की टीम ने उपस्थित

वृद्धजनो का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
कार्यक्रम में एसडीएम बड़वानी श्रीमती जयतिसिंह, उप संचालक सामाजिक न्याय श्री सत्येन्द्रसिंह, नगर पालिका प्रभारी अधिकारी श्री मयाराम चौहान, जिले के वरिष्ठ समाज सेवी श्री वल्लभदास अग्रवाल, तहसीलदार बड़वानी श्री भागीरथ वाखला, वृद्धजन के परिवार के सदस्य, बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य जन उपस्थित थे।

101 वर्ष की दादी को पोता लाया अपने रिक्शा में बैठाकर
कार्यक्रम के लिए 101 वर्षीय श्रीमती कदीरन बी कासमअली को उनका 32 वर्षीय पोता निदाज अली अपने आटो में बैठाकर लाया। आटो से उतरने के साथ ही शतायु वर्षीय श्रीमती कदीरन बी ने कुर्सी पर बैठक कार्यक्रम तक पहुंचाने का प्रस्ताव आदरपूर्व ठुकरा दिया और गर्व से अपने पोते का हाथ पकड़कर पैदल चलते हुए तालियो के बीच अपना आसन ग्रहण किया।

प्रदेश स्तर पर चयनित वृद्ध समाज सेवी का सम्मान भी किया गया
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश स्तर पर जिले से चयनित वरिष्ठजन ग्राम ओझर के रहवासी श्री वल्लभदास अग्रवाल का भी सम्मान किया गया। उल्लेखनीय है कि जिले के वरिष्ठजन के रूप में उनका चयन प्रदेश स्तर से किया गया था। और यह चयन श्री वल्लभदास अग्रवाल के द्वारा समाज सेवा, दार्शनिक, चिकित्सक, खिलाड़ी, वैध, साहित्यकार, लेखक, कहानीकार, रंगकर्मी, गायक, पेंटर के रूप में दिये गये योगदान के कारण किया गया है।

लोक संगीत का लुफ्त भी उठाया वृद्धजनो ने
कार्यक्रम के पूर्व एवं कार्यक्रम के दौरान जिले के बालकृष्ण धनगर एवं साथियो ने अपने लोक गायन की प्रस्तुति भी दी। इस प्रस्तुति के तहत उन्होने निमाड़ी में एक से एक सुंदर भजनो, कबीर के दोहो की प्रस्तुति दी। जिसे वृद्धजनो के साथ-साथ उपस्थित युवाओ द्वारा भी सराहा गया।

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