श्योपुर – ईपत्रकार.कॉम |वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस पर आज दिनांक 26 अक्टूबर को स्वास्थ्य, महिला बाल विकास व शिक्षा विभाग की संयुक्त कार्यशाला डॉ. एन.सी. गुप्ता सीएमएचओ, महिला बाल विकास अधिकारी श्री रतन सिहं गुडिया की उपस्थिति में आयोजित की गई जिसमें श्री मिर्जा रफीक डिवीजनल कार्डीनेटर एमआई ग्वालियर ने आयोडीन की महत्वता के बारे में प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी दी कि आयोडीन युक्त नमक का उपयोग न करने से उर्जा में कमी, थकावट जल्दी होना, गर्भ मे पल रहे शिशु के मस्तिष्क का कम विकास होना गूंगा बहरापन, घेंघा रोग इत्यादि होने की संभावना रहती हैं। इसलिए एक दिन में 11 माह तक के बच्चे को 50 माइक्रोग्राम, 59 माह तक के बच्चे को 90, 6-12 वर्ष तक के लिए 120, 12 वर्ष से अधिक व्यक्ति के लिए 150 माइक्रोग्राम आयोडीन युक्त नमक खाने से चुस्त दिमाग, स्वस्थ्य शरीर, अधिक कार्यक्षमता एवं मानसिक रूप से पूर्ण विकास बना रहता है।
साथ ही नेशनल आयरन प्लस इनिशिएटिव कार्यक्रम के अंतर्गत आयरन की कमी को दूर करने एवं एनीमिया क्या है तथा एनीमिक होने की स्थिति में इसके दुष्परिणाम क्या क्या होते है तथा खून की कमी को दूर कैसे किया जा सकता है उसके बारे में लोगों को प्रशिक्षित किया गया खून की कमी से एनीमिया की सभावना बनती है इसे दूर करने के लिए स्कूलों में प्रवेशी छात्र छात्राओं को प्रत्येक मंगलवार को आईएफए की गुलाबी गोली प्राइमरी स्कूली बच्चों को एवं नीली आईएफए की गोली मिडिल से हाई स्कूली किशोर – किशोरियों को खिलाई जाना है जिसके सेवन से शरीर में खून की कमी नही रहेगी तथा एनीमिक का शिकार नही होना पडेगा। इस दौरान कार्यशाला में डीएचओ, डीआईओ, डीपीएम, एमईआईओ, डीसीएम इत्यादि उपस्थित थे।