शशिकला के शपथग्रहण पर मंडरा रहा अनिश्चितता का बादल

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आज यानी मंगलवार को अन्नाद्रमुक की महासचिव वीके शशिकला के तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की अंटकलों के बीच मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने से रोकने वाली याचिका के सुनवाई के लिए स्वीकार हो जाने से उनके मुख्यमंत्री बनने पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। इसके साथ ही यह भी बताया जाता है कि राज्यपाल सी. विद्यासागर राव नई दिल्ली से चेन्नई के बजाय मुंबई रवाना हो गए हैं। राव रविवार की रात शशिकला के अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता निर्वाचित होने के बाद कोयम्बटूर से सीधे राजधानी आ गए थे। सूत्रों के मुताबिक राव शशिकला को पद की शपथ दिलाने से पहले कानूनी सलाह ले रहे हैंैं। हालांकि, अभी तक इस दिशा में राज्यपाल की सटीक योजना को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
तैयारियां हो चुकी है पूरी
पार्टी ने हालांकि इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन रविवार की रात शशिकला के अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता निर्वाचित होने के बाद वर्तमान मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम के अपने मंत्रिपरिषद के साथ सोमवार को इस्तीफा देने से इसकी पूरी संभावना जताई जा रही है। बताया जाता है कि मद्रास विश्वविद्यालय के सभागार को कथित तौर पर इस मौके के लिए तैयार किया जा रहा है। इसी सभागार में दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता का भी शपथग्रहण समारोह हुआ था। अन्नाद्रमुक के सूत्रों ने संकेत दिए कि मंगलवार हो रहे शपथ ग्रहण के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
पनीरसेल्वम का इस्तीफास्वीकार
तमिलनाडु के वर्तमान मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने राज्यपाल को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा था कि मैं निजी कारणों से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। पनीरसेल्वम ने राज्यपाल को भेजे गए पत्र में लिखा था, ‘कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लें और छह दिसम्बर 2016 को मेरे द्वारा नियुक्त मंत्री परिषद् को कार्य मुक्त करें। जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया। गौतलब है कि पांच दिसम्बर 2016 की रात को जे. जयललिता के निधन के बाद पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया गया था। अन्नाद्रमुक विधायकों की रविवार को चेन्नई स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक के दौरान पनीरसेल्वम ने ही शीर्ष पद के लिए शशिकला के नाम का प्रस्ताव दिया था।
इसलिए की शपथ ग्रहण पर रोक की मांग
उच्चतम न्यायालय में सोमवार को एक जनहित याचिका दायर हुई, जिसमें शशिकला को मुख्यमंत्री पद की शपथ से रोकने की मांग की गई। याचिका कर्ता ने तर्क दिया है कि डीए मामले में दोषसिद्धि होने पर अगर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा तो कानून व्यवस्था खराब हो सकती है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिए हैं कि वह शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में जल्द फैसला सुना सकता है। शपथ लेने के बाद दोष सिद्धि होने पर शशिकला को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। गौरतलब है कि तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता भी इस मामले में आरोपी थी।
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