शिक्षक की महत्ता और सम्मान पूर्व से ही रहा है और हमेशा कायम रहेगा– कलेक्टर

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सतना- (ईपत्रकार.कॉम) |आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत आदिवासी विकास शिक्षक संघ के तत्वावधान मे विभागीय छात्रावास और आश्रमो के शिक्षको का शिक्षक दिवस समारोह होटल दशमेष मे कलेक्टर नरेश पाल के मुख्यातिथ्य मे आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सी.ई.ओ. जिला पंचायत अनूप कुमार सिंह ने की। इस मौके पर जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण अभिषेक सिंह, जिला पेंशनर समाज के हरिप्रकाश गोस्वामी भी उपस्थित रहे।

कलेक्टर नरेश पाल ने समारोह का शुभारंभ करते हुये कहा कि पूर्व राष्ट्रपति शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर सन 1962 से शिक्षक दिवस मनाने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है। उन्होने कहा कि शिक्षक की महत्ता और सम्मान पूर्व से ही रहा है और हमेशा कायम रहेगा। कोई भी व्यक्ति कितने भी बडे पद पर पहुँच जाये लेकिन शिक्षको के प्रति सम्मान उसी प्रकार बना रहता है। उन्होने कहा कि आदिम जाति कल्याण विभाग ने शिक्षक दिवस समारोह मनाने की यह अनुकरणीय परम्परा शुरू की है। जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग के आश्रम छात्रावासो मे शिक्षा के साथ ही अन्य गतिविधियो मे जिम्मेदारी की भावना बढने से स्थितियो मे सुधार आकर कार्य बेहतर हुआ है।

उन्होने कहा कि डिण्डोरी और झाबुआ जिले मे आदिम जाति कल्याण विभाग के आश्रमो मे आई.आई.टी. की कोचिंग देने जैसी व्यवस्था सतना जिले मे भी प्रारंभ की जायेगी। उन्होने शिक्षको को अपनी शुभकामनाए देते हुये कहा कि व्यक्तित्व विकास और कल्याण की दिशा मे उत्कृष्ट कार्य करते रहे। कार्यक्रम को सी.ई.ओ. जिला पंचायत अनूप कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। इस मौके पर कलेक्टर नरेश पाल ने सेवानिवृत्त शिक्षिका पुष्पा मारवाडी और मीना नागरथ को शाल-श्रीफल से सम्मानित किया।

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