कटनी – ईपत्रकार.कॉम |धान उपार्जन को लेकर बुधवार को समीक्षा बैठक आयोजित हुई। जिसमें कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने सभी संबंधित अधिकारियों को उपार्जन केन्द्रों में समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निर्धारित तिथि से उपार्जन की प्रक्रिया प्रारंभ हो। उपार्जन केन्द्रों में तैयारियॉं पूर्ण हों, यह सुनिश्चित कर लें। समय पर परिवहन न होने के कारण उपार्जन केन्द्र को भुगतान संकट व प्राकृतिक आपदा के कारण भंडारित धान की क्षति होने पर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। यह निर्देश भी बैठक में कलेक्टर ने दिये। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बरसात से सुरक्षा के लिये सभी उपार्जन केन्द्रों में तिरपाल की पर्याप्त व्यवस्था 15 नवंबर के पूर्व करें। यदि बरसात के कारण धान की क्षति होती है, तो उपार्जन केन्द्र प्रभारी पर कार्यवाही होगी।
बैठक में कलेक्टर ने सभी उपस्थित अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि सभी उपार्जन केन्द्रों में कृषकों के बैठने व पीने के पानी की समूचित व्यवस्था की जाये। कृषकों के साथ उर्पाजन केन्द्र कर्मचारी मधु एवं संयमित व्यवहार करें।
उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा के दौरान श्री गढ़पाले ने उपार्जन केन्द्रों में छन्ना, पंखा, मोईचर मीटर, इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटा और उपार्जन के प्रपत्र आदि 15 नवम्बर 2017 के पूर्व व्यवस्थित रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी उपार्जन केन्द्रों में निर्धारित शब्दावली में निर्धारित लम्बाई चौड़ाई का बेनर प्रदर्षित हो। उपार्जन केन्द्रों में एफएक्यू धान का उपार्जन किया जाये।
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने आदेश देते हुए कहा कि गठित निगरानी समितियां लगातार उर्पाजन केन्द्र में भ्रमण करें। साथ ही सुनिश्चित करें कि उर्पाजन केन्द्र में वांछित व्यवस्था के अनुरूप उर्पाजन की नियमित एफएक्यू धान की खरीदी हो। पटवारी स्थाई रूप से आवंटित उपार्जन केन्द्र में उपस्थित रहें। उन्होंने एसडीएम एवं तहसीलदार को नियमित रूप से उर्पाजन केन्द्रों में भ्रमण कर भ्रमण प्रतिवेदन देने की बात कही।
बैठक में पंजीयन सत्यापन की स्थिति, रकवा सत्यापन की स्थिति, अनुबंध निस्पादन की स्थिति, साख सीमा की स्थिति, संस्थाओं को सीधे भुगतान की प्रक्रिया, उपार्जन प्रक्रिया के तहत 40 किलो की भर्ती एवं हाथ की सिलाई, गोदाम का चयन जहां खरीदी करना है, बारदाने की उपलब्धता, एक भरती बारदाना जो मिलर से प्राप्त होना है, परिवहन व्यवस्था और भण्डारण की क्षमता व चयन एवं स्थिति का रिव्यू भी श्री गढ़पाले ने किया।