दतिया – ईपत्रकार.कॉम |राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर से प्राप्त कार्य योजनानुसार जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दतिया श्रीमती सुनीता यादव के निर्देशानुसार, शारदा हाईस्कूल दतिया में आज विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री राजीव राव गौतम द्वारा किया गया। जिसमें उपस्थित छात्र-छात्राओं को श्री राजीव राव गौतम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दतिया द्वारा मूल कर्तव्य, मौलिक अधिकार, एफ.आई.आर. कहॉ और कैसे दर्ज करवाते हैं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। शिविर में उपस्थित छात्र-छात्राओं के बीच में कानून संबंधी प्रश्नों के उत्तर जानने की जिज्ञासा हुई।
शिविर में उपस्थित छात्रा ने मुख्य अतिथि से पूछा कि कानून क्या है? और यदि कोई पुलिस अधिकारी यदि हमारी एफ.आई.आर. लिखने से मना कर दे तो हमें क्या करना चाहिए? श्री गौतम जी ने बताया कि यदि कोई पुलिस अधिकारी एफ.आई.आर. दर्ज करने से इंकार करता है तो उसकी शिकायत एस.पी. को की जाती है और यदि एस.पी. के यहां भी समाधान न हो तो संबंधित क्षेत्राधिकार वाले मजिस्ट्रेट को शिकायत की जाती है। शिविर में उपस्थित अन्य छात्रा ने पूछा कि यदि हमारे खिलाफ कोई भी अपराध होता है तो हमें कैसे पता चलेगा कि कौन व्यक्ति हमारी मदद करेगा? श्री गौतम जी ने बताया कि सबसे पहले उस अपराध की सूचना पुलिस अधिकारी, सामाजिक कार्यकता, पी.एल.व्ही. और अगर फिर भी कुछ समझ न आये तो जिला न्यायालय दतिया के ए.डी.आ. सेन्टर में अपनी शिकायत जिला विधिक सहायता अधिकारी को भी सूचित कर सकते हैं। कानून शब्द को परिभाषित करते हुए श्री गौतम ने कहा कि कानून शब्द इतना विस्तृत है कि इसकी चर्चा खत्म नहीं हो सकतीं क्योंकि कानून समुद्र की तरह है जिसका अन्त नहीं। बेटियों को समाज में बराबरी का स्थान प्राचीन काल से ही दिया गया है। हमारे भारत देश में शक्ति के रूप में दूर्गा को पूजा जाता है, विद्या के रूप में सरस्वती को पूजा जाता है और धन के लिए लक्ष्मीजी को पूजा जाता है। जब से मानव उत्पत्ति हुई है, तब से समाज में महिला को सर्वोच्चय माना गया है। महिला की भागीदारी के बिना किसी भी देश का विकास संभव नहीं है।
शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी, कु. अंकिता शांडिल्य ने विधिक साक्षरता शिविर का उद्देश्य को लोगो के द्वारा समझाते हुए बताया कि अनुच्छेद 14 के तहत न्याय सबके लिए है। कोई भी व्यक्ति इसलिए न्याय से वंचित नहीं रह सकता कि वो गरीब है। विधिक साक्षरता शिविर इसलिए लगाया जाता है जिससे समाज के लोग कानून से भली-भँति परिचित हो एवं न्याय की प्रक्रिया से रूबरू हों। उन्होंने बताया कि यौन संबंधित अपराधों के बारें में स्कूल मे शिक्षकों को बिना झिझक छात्रों एवं छात्राओं को बताना चाहिए तथा यदि कोई छात्र या छात्रा इस अपराध से पीड़ित है तो उसे बिना डरे उसकी शिकायत करनी चाहिए।
शिविर में उपस्थित खेल एवं युवा कल्याण विभाग से समन्वयक श्री संजय रावत ने बताया कि आजकल बेटियां समाज के हर क्षेत्र में नाम रोशन कर रही हैं चाहे वह सरकारी पद हो या ओलम्पिक खेल की खिलाड़ी साक्षी मलिक हो या पी.वी. सिंधु। सामाजिक न्याय विभाग दतिया से श्री विनोद मिश्रा द्वारा शिविर का सहज व सरल ढंग से संचालन किया गया। शिविर में शारदा हाईस्कूल दतिया की प्राचार्या श्रीमती अनीता कुशवाह द्वारा शिविर का समापन करते हुए उपस्थित न्यायिक अधिकारी/पदाधिकारी का आभार प्रकट किया। शिविर में स्कूल संचालक श्री सुनील सिंह कुशवाह, खेल एवं युवा कल्याण विभाग से समन्वयक श्री संजय रावत, स्कूल के शिक्षकों सहित छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे।