समुदाय आधारित मानसिक स्वास्थ्य आज के दौर की आवश्यकता-न्यायाधीश

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बड़वानी  – (ईपत्रकार.कॉम) |मानसिक स्वास्थ्य क्या है? हो सकता है आप में से बहुतों को यह सवाल परेशान करता हो। मानसिक स्वास्थ्य किसी भी चीज को हमारी सोचने, समझने और महसूस करने की प्रक्रिया है।

आज के भागदौड़ भरे माहौल में ज्यादातर लोगों को मानसिक सुकून नहीं है इसकी कई वजह है जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। स्वस्थ्य खानपान का अभाव खुद को समय न देना या फिर माहौल। लेकिन जिस तरह आप अपने शरीर की देखभाल करते हैं उसी तरह आपको अपने मस्तिष्‍क का भी ख्याल रखना पड़ेगा। जब हम अपने मस्तिष्‍क का भी ख्याल रखने लगते हैं तब अपने विचार भी स्वस्थ्य होते हैं और हम स्वस्थ्य महसूस करते हैं।

उक्त बातें प्रधान न्यायाधीश किशोर न्याय बोर्ड एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री संजय कुमार गुप्ता ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर आशाग्राम ट्रस्ट में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित बड़वानी जिले के 40 ग्रामों के राष्ट्रीय आजीविका मिशन म.प्र. के ग्राम संगठन के बुककिपर्स को संबोधित करते हुए कही, साथ ही उन्होने बताया कि आशाग्राम के द्वारा सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य के लिये किये गए कार्य सराहनीय है तथा कानून में भी मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्तियों के हित सुरक्षित है।

शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री रेखा द्विवेदी ने बताया कि मनोरोग साध्य है तथा इसका उपचार संभव है। परिवार और समाज को मनोरोगियों के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिए जिससे की वे अपनत्व भाव को महसूस कर सके। उन्होने नालसा व सालसा के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों कि लिए विधिक सेवाऐं) योजना 2015 के सुचारू रूप से क्रियान्वयन एवं संचालन हेतु गठित समिति की जानकारी प्रदान की।

आशाग्राम ट्रस्ट के सचिव डॉ. शिवनारायण यादव द्वारा मनोरोगियों के लिए संस्था द्वारा किये गए प्रयासों को बताया तथा विश्व मानसिक स्वास्थ्य संगठन द्वारा आशाग्राम ट्रस्ट के सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होने बताया कि आशाग्राम ट्रस्ट बड़वानी ने जनजातिय क्षेत्र में 14 वर्षों तक सघन समुदाय आधारित मानसिक स्वास्थ्य सेवाऐं प्रदान करने एवं समाज के अंतिम छोर पर बसे व्यक्ति तक सेवाऐं पहुंचाकर समुदाय में रखकर ही मनोरोगी को उपचारित करने का कार्य किया है जिसका परिणाम है कि आज लोग मनोस्वास्थ्य के बारे में जान पाए है। उन्होने उपस्थित आजीविका प्रहरियों को मानसिक स्वास्थ्य जनजागरण के लिए राजदूत के रूप में कार्य करने का आह्वान किया।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विधिक साक्षरता शिविर में अतिथियों द्वारा श्रीमती नीता दुबे द्वारा लिखित लधु शोध ‘आशाग्राम के मानसिक रोगियों का सामाजिक एवं आर्थिक पुनर्वास’ को सभी ने सराहा।

सभी अतिथियों को प्रतिक स्वरूप हेण्डमेड केरीबेग ट्रस्ट सचिव डॉ. शिवनारायण यादव द्वारा भेंट किए। कार्यक्रम का संचालन पेरालिगल वालेन्टिर एवं समिति सदस्य सचिन दुबे द्वारा किया गया।

इस अवसर पर पैरालिगल वालेन्टिर नरसिंह माली, अनिता चोयल, श्रीमती नीता दुबे, आशाग्राम ट्रस्ट बड़वानी के नरेन्द्रसिंह सिसौदिया, मनीष पाटीदार, मणीराम नायडू, नानूराम पाटीदार, भेरूलाल यादव, दुरसिंग गुथरे, हिमांशु वाबले, आदि उपस्थित थे।

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