बीजेपी के तीन सांसद योगी आदित्यनाथ, मनोहर पर्रिकर और केशव प्रसाद मौर्य जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव तक अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा नहीं देंगे। हाल में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद ये तीनों सांसद उत्तर प्रदेश और गोवा में पार्टी द्वारा दी गई ज़िम्मेदारी संभालेंगे, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए अपनी संसद सदस्यता नहीं छोड़ेंगे।
किसी राज्य का सीएम पद संभालने के बाद इस्तीफा देने के लिए सांसद के पास 6 महीने तक का समय होता है। इन तीनों नेताओं के 6 माह सितंबर में पूरे होंगे, वहीं राष्ट्रपति चुनाव जुलाई में होने हैं। इसलिए किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी। वहीं भाजपा को पूरा भरोसा है कि इस बार का राष्ट्रपति उनकी पार्टी की पसंद का होगा इसलिए पार्टी भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
सांसद से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बने इन बीजेपी सदस्यों के पास अभी छह महीने का समय है। यानी इनके पास इस्तीफा देने के लिए सितंबर तक का समय है, जबकि राष्ट्रपति पद का चुनाव जुलाई में होना है। बीजेपी के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया, ‘उन्हें (मनोहर पर्रिकर, योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य) छह महीने में राज्य सदन में निर्वाचित होना होगा और चुने जाने के 14 दिनों के अंदर लोकसभा या राज्यसभा से इस्तीफा देना होगा। कोई जल्दी नहीं है… उप-चुनाव में जाने की अपेक्षा हमारे पास दूसरे गंभीर मुद्दे हैं।’
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि अभी पार्टी का ध्यान राष्ट्रपति चुनाव पर है क्योंकि हाल के विधानसभा चुनावों में मिली बड़ी सफलता के बाद अगला राष्ट्रपति पार्टी की पसंद का होगा। योगी और मौर्य के पास सदन के एक निर्वाचन क्षेत्र के अलावा विधान परिषद से भी उप-चुनाव लड़ने का विकल्प है क्योंकि उत्तर प्रदेश में दो सदन हैं। योगी से पहले मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव और मायावती परिषद के ही सदस्य थे क्योंकि उन्होंने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था।