सामाजिक एवं आर्थिक कारणो को दूर करने के प्रयास होगें – कलेक्टर श्री सोलंकी

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कलेक्टर श्री पीएल सोलंकी ने महिला बाल विकास विभाग की ओर से राष्ट्रीय पोषण सप्ताह अंतर्गत आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि कुपोषण बीमारी नही बल्कि एक अवस्था है। पोषण के अलावा इसके अनेक कारक है, जो कुपोषण की जड हैं इन कारणो में सामाजिक एवं आर्थिक कारण महत्वपूर्ण है। इसलिए ग्रामो मे संवहनीय आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे है। डे-केयर सेंटरो पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से रोजगार मूलक गतिविधियो का संचालन किया जा रहा है। वही स्वसहायता समूहो के माध्यम से कौशल विकास उन्नयन के कार्य किये जा रहे है। सामाजिक स्तर पर जनजागरूकता के लिए समूह एवं ग्राम संगठनो तथा सामुदायिक बैठको के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। कार्यशाला में जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्री रतन सिहं गुडिया, परियोजना अधिकारी श्री जितेन्द्र तिवारी एवं श्री केशव गोयल तथा किलंटन फॉउनडेशन के प्रतिनिधि एवं मीडिया कर्मी उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री सोलंकी ने कहा कि ऐसा नही है कि कुपोषण के पीछे खाद्यान की कोई कमी है। पर्याप्त मात्रा में लोगो के पास भोजन की व्यवस्था है लेकिन उचित खान पान एवं गर्भवती माताओ तथा बच्चो की उचित देखभाल के प्रति जागरूकता का अभाव इसका मुख्य कारक है। उन्होने कहा कि आय के स्त्रोत बढाने के प्रयास किये जा रहे है। जिससे जीवन स्तर अपेक्षाकृत उचा उठ सके और रहन सहन में बदलाव आये। उन्होने कहा कि स्नेह सरोकार योजना के तहत कम वजन के बच्चो को गोद लेने के क्रम में प्रयास किये जायेगे इससे सामाजिक जुडाव भी बढेगा। योजना के तहत किसी ग्राम अथवा वार्ड में आगनबाडी केंद्र मे दर्ज कम वजन के किसी एक बच्चे को सक्षम व्यक्ति द्वारा 6 माह तक गोद लिया जाता है तथा बच्चे के परिवार को बच्चे के उचित खान पान के लिए प्रति माह 1 हजार रूपये की राशि का खाद्यान सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। उन्होने कहा कि कुपोषण की प्रारंभिक अवस्था को रोकने के लिए गर्भवती माताओ के उचित खान पान पर ध्यान देने की अधिक जरूरत है।

जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री रतन सिहं गुडिया ने जानकारी दी कि 1 सितम्बर से 07 सितम्बर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत कुपोषण एवं एनिमिया के प्रति समूदाय को जागरूक तथा इसके दुष्प्रभावो के बारे में जानकारी दी जायेगी तथा संतुलित आहार को बढावा दिया जायेगा। उन्होने कहा कि जिले के 3 विकास खण्डो में 3 पोषण स्मार्ट विलेज चयनित किये गये है जिनमे स्यावडी (कराहल), शंकरपुर (श्योपुर), खजुरी खुर्द (विजयपुर) शामिल है। इन ग्रामो में आदर्श आगनबाडी केंद्र, पोषणबाडी लगाई जा रही है तथा सभी घरो में सेजने के पेड लगाये जा रहे है। उन्होने कहा कि कुपोषण का एक बडा कारण एनिमिया भी है जिसकी रोकथाम के लिए लालीमा अभियान संचालित किया जा रहा है जिसके तहत किशोरी बालिकाओ एवं गर्भवती माताओ को आयरन की टेबलेट प्रदाय की जाती है।

उन्होने बताया कि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अंतर्गत जिला स्तर पर पोषण आनन्द मेलो का आयोजन किया जायेगा तथा सेमिनार एवं स्कूलो मे निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेगी। आगनबाडी स्तर पर पोषण बाल सभा, संतुलित पोषण थाली प्रतियोगिता, गोद भराई तथा पोषण परामर्श आदि कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे।

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