सावधान! घर की गंदगी कहीं बढ़ा ना दे मोटापा

0

अगर हर दिन जिम जाने, एक्सर्साइज करने और सही डायट लेने के बाद भी आपका वजन कम नहीं हो रहा तो हो सकता है इसकी वजह आपके घर की धूल-मिट्टी हो। आपको शायद इस बात पर यकीन नहीं होगा लेकिन घर के अंदर अगर थोड़ी सी भी धूल हो तो उसमें वातावरण के प्रदूषण फैलाने वाले तत्व मौजूद होते हैं जो फैट सेल्स की ग्रोथ में अहम रोल निभाते हैं।

अमेरिकन केमिकल सोसायटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि घर की धूल में जो कंपाउड्स पाए जाते हैं उन्हें इंडोक्राइन-डिसरप्टिंग केमिकल यानी EDC कहते हैं वे फैट सेल्स को प्रोत्साहन देते हैं जिससे शरीर में और ज्यादा फैट जमा होने लगता है। इस स्टडी में पाया गया कि घर की धूल की वजह से एक अतिरिक्त तरह का फैट शरीर में जमा होने लगा जिसे ट्राईग्लिसराइड्स कहते हैं।

EDC सिन्थेटिक या नैचरल कंपाउन्ड्स होते हैं जो बॉडी के हार्मोन्स को दोहराने लगते हैं। जानवरों पर की गई कुछ स्टडीज़ में इस बात के सबूत भी मिले की हैं जीवन के शुरुआती दिनों में अगर EDC के प्रति एक्सपोजर ज्यादा हो तो जीवन के बाद के सालों में वजन बढ़ने की समस्या पैदा हो जाती है। EDC आमतौर पर कंज्यूमर गूड्स में पाए जाते हैं जो आखिरकार इंडोर डस्ट बनकर हमारे घर के अंदर रह जाते हैं। बाद में घर की इस धूल को हम सांस के द्वारा अंदर लेते हैं और फिर वह हमारी स्किन में अब्जॉर्ब हो जाती है।

यूएस इन्वाइरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी के मुताबिक अमेरिका में हर दिन करीब 50mg घर की धूल बच्चों के शरीर के अंदर जाती है। शोधकर्ताओं ने नॉर्थ कैरलाइना के 11 घरों से इंडोर डस्ट के सैंपल इक्ट्ठा किए। 11 में से 7 घरों से इक्ट्ठा की गई घर की धूल के सैंपल में फैट सेल्स को विकसित कर ट्राईग्लि्सराइड्स बनाने की क्षमता थी। इनमें से सिर्फ 1 डस्ट सैंपल ऐसा था जिसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि घर की धूल में मौजूद केमिकल के प्रति अगर आपका एक्सपोजर हो जाए तो यह शरीर के मेटाबॉलिक हेल्थ को प्रभावित करता है खासतौर पर बच्चों में।

Previous article1 अगस्त 2017 राशिफल – जानिए कैसा रहेगा आपके लिए मंगलवार का दिन
Next articleनोटबंदी से कश्मीर में टेरर फंडिंग पर लगी रोक: जेटली

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here