सेल्फी का क्रेज बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में है। लाखों की तादाद में लोग हर रोज अपनी सेल्फी फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और ट्िवटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर पोस्ट कर रहे हैं। पहले सेल्फी लेने के लिए सेल्फी स्टिक की जरूरत पड़ती थी लेकिन अब इसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल होने लगा है। हालांकि सेल्फी ड्रोन काफी महंगा है और इसे नियंत्रित करना भी मुश्किल है। इसे देखते हुए अब आपके स्मार्टफोन में ही ड्रोन सेल्फी कैमरा लगाने की तैयारी चल रही है। स्मार्टफोन में लगा यह ड्रोन सेल्फी कैमरा अपने आप फोन से अलग होकर उड़ने में सक्षम है, जिससे लोग कितनी भी ऊंचाई और किसी भी एंगल से सेल्फी खींच सकते हैं।
अपने दम पर हवा में उड़ने में सक्षम यह सेल्फी ड्रोन कैमरा एक स्मार्टफोन केस है जिसे फोन कवर की तरह स्मार्टफोन में लगाया जाता है। जैसे ही यूजर इस केस को स्मार्टफोन से अलग करते हैं, वैसे ही यह केस ड्रोन में बदल जाता है और उड़कर हवा में स्थिर हो जाता है। इसे यूजर एक एप के जरिए ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं आदि दिशाओं में घूमा सकते हैं। यह स्मार्टफोन केस हवा में कैमरा को संतुलित करने वाले ट्राईपॉड की तरह काम करता है। इसमें लगा कैमरा उपभोक्ता की मर्जी से विभिन्न प्रकार के एंगल और ऊंचाई से फोटो खींचने में सक्षम है। इस सेल्फ फ्लाइंग ड्रोन फोन केस का नाम ‘सेल्फफ्लाई’ रखा गया है। यह दुनिया का पहला ऐसा कैमरा है जिसे बिना किसी परेशानी के किसी भी स्मार्टफोन से जोड़ा जा सकता है और जो खुद उड़कर सेल्फी खींचने में सक्षम है। यह जून तक बाजार में उपलब्ध होगा और इसकी कीमत करीब 100 डॉलर यानी 6700 रुपये हो सकती है।
किसी भी फोन में लग सकता है
सेल्फफ्लाई को आसानी से मोड़कर नौ एमएम मोटे स्मार्टफोन केस में बदला जा सकता है। यह एक यूनिवर्सल स्मार्टफोन केस है जिसे 4 इंच डिसप्ले वाले स्मार्टफोन से लेकर 6 इंच डिसप्ले वाले किसी भी कंपनी के स्मार्टफोन में लगाया जा सकता है। इसमें आठ मेगापिक्सल का कैमरा लगा है जिससे सेल्फी खींचने के साथ एचडी विडियो भी रिकॉर्ड कर सकते हैं। सेल्फफ्लाई में कैमरा और बैटरी के साथ चार्जिंग के लिए एक माइक्रो यूएसबी पावर कोर्ड और एक एडेप्टर लगा हुआ है। यह एंड्रॉयड और आईओएस दोनों को सपोर्ट करता है। एक बार इसकी बैटरी चार्ज होने पर यह लगातार पांच मिनट हवा में स्थिर रह सकता है और 20 सेल्फी खींच सकता है। इससे 360 डिग्री विडियो, लाइव विडियो स्ट्रीमिंग आदि भी कर सकते हैं। इसे स्मार्टफोन से वाई-फाई के जरिए जोड़ा जा सकता है। इसका वजन लगभग 70 ग्राम है जिसे आसानी से स्मार्टफोन के साथ जेब में रखकर घूमा जा सकता है।
ऐसे करता है काम
‘सेल्फफ्लाई’ स्मार्टफोन ड्रोन केस हाई एंड स्टेबिलाइजेशन तकनीक पर आधारित है जिसके कारण खुद उड़ने और हवा में स्थिर रहने में सक्षम है। इस ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल करने के लिए स्मार्टफोन में ‘सेल्फफ्लाई एप’ इंस्टॉल करना होता है जो इससे वाई-फाई के माध्यम से जुड़ा होता है। स्मार्टफोन से इस केस से अलग करते ही यह ड्रोन का रूप ले लेता है। सेल्फफ्लाई का कैमरा विडियो प्रोसेसिंग तकनीक पर काम करता है जिसके कारण इससे हाई रेजोल्यूशन में तस्वीरें खींची जा सकती हैं। इसके द्वारा ली जाने वाली सेल्फी में पहले रॉ डाटा के रूप में एचडी विडियो इसके रैम पर रिकॉर्ड होता है और इसका प्रिव्यू एप को भेजता है। इसके माध्यम से यूजर सेटिंग में बदलाव कर सकते हैं, ताकि मनचाहे एंगल से सेल्फी खींच सकें। एप के वर्चुअल जॉयस्टिक से ड्रोन का स्थान और एंगल बदला जा सकता है। ड्रोन की सेटिंग पूरी हो जाने के बाद सेल्फी क्लिक होती है जिसे यह रियल टाइम में स्मार्टफोन पर भेज देता है।