’’स्वच्छता एवं पोषक वाटिका तैयार कर ही न्यूट्रीस्मार्ट ग्राम बनाया जा सकता है’’- डॉ. अनीता शुक्ला, वैज्ञानिक

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बड़वानी – ईपत्रकार.कॉम |कृषि विज्ञान केन्द्र, बड़वानी में जिले के एकीकृत बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक हेतु दो दिवसीय (दिनांक 30-31 अक्टुबर 2017) प्रशिक्षण कार्यक्रम ’’न्यूट्रीस्मार्ट ग्राम की संभावनाएँ एवं बेंचमार्क सर्वै व ग्रामीण सहभागिता’’ विषय पर आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम दुसरे दिन आंचलिक अनुंसधान केन्द्र खरगौन की वैज्ञानिक (ग्रह विज्ञान) डॉ. अनीता शुक्ला ने प्रशिक्षणार्थियों को न्युट्रीस्मार्ट ग्राम विकसित करने हेतु ग्राम में स्वच्छता को आवश्यक बताया साथ ही कुपोषीत बच्चे की पहचान, आवश्यक खान-पान प्रबंधन, पोषक ग्रह वाटिका लगाकर ताजी सब्जियों का उपयोग एवं ऑंवला, पपीता, टमाटर, अनार, सोयाबीन आदि से किस प्रकार संवर्धित कर सॉस, जेली, अचार तैयार करने की साधारण विधि से अवगत कराया।

प्रशिक्षण दौरान केन्द्र के प्रमुख डॉ. एस. के. बड़ोदिया द्वारा न्युट्रीस्मार्ट ग्राम के ग्रामीण सहभागिता अध्ययन हेतु शिक्षा का स्तर, टाईम ट्रेंड, टाईम लाईन, वेल्थ रेंकिंग, ट्राजेंट वॉ एंव सामाजिक संरचना आदि शेष बिन्दुओं पर चर्चा कर प्रशिक्षणार्थियों को न्युट्रीस्मार्ट ग्राम के चयन के लिये क्या-क्या मुख्य बिन्दुओं का ध्यान रखना है इस विषय में बताया। जिससे की उन्हें चयनित ग्राम के ऑकड़े एकत्र कर संधारीत करने में आसानी रहे। केन्द्र के वैज्ञानिक श्री मुकेश बेनल द्वारा फल सब्जियों में लगने वाले कीट-व्याधि आदि पर आधारभुत जानकारी प्रशिक्षणार्थियों को दी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र में डॉ. बड़ोदिया द्वारा सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/पर्यवेक्षक से आग्रह किया कि इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जो कुछ भी उन्होनें सीखा है इसे वे अपनाये एवं कुपोषण रहित ग्राम का विकास करें। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 48 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/पर्यवेक्षक भाग ले रहे है।

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