स्वयं को लक्ष्य पर केंद्रित कर ऊर्जा का सकरात्मक प्रयोग करें

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अनुपपुर – ईपत्रकार.कॉम |इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस पर शुक्रवार को संगोष्ठी का आयोजन कर उनके दर्शन को जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया गया। वक्ताओं ने युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वयं की ऊर्जा का सकरात्मक प्रयोग करते हुए स्वयं को लक्ष्य पर केंद्रित करें। इस अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया।

निदेशक (अकादमिक) प्रो. आलोक श्रोत्रिय ने स्वामी विवेकानंद को बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बताते हुए कहा कि उन्होंने उपनिषदों और गीता को सरल भाषा के माध्यम से आम लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने वेदों में वर्णित रजोगुण को धारण करने का आह्वान किया जो तत्कालीन परिस्थितियों के लिए आवश्यक था।

डॉ. अंबेडकर चेयर के प्रो. किशोर गायकवाड़ ने युवा की परिभाषा को प्रस्तुत करते हुए निरंतर नया सीखने की जिज्ञासा को युवा अवस्था का परिचायक बताया। उन्होंने कहा कि समाज सुधारक वस्तुतः जड़ता को खत्म करने वाले नायक रहे जिन्होंने सामाजिक कुप्रथाओं को खत्म कर सामाजिक न्याय के बारे में विस्तार से बताया।

प्रो. नवीन शर्मा ने युवाओं में बढ़ती भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक चुनौतियों का जिक्र किया। डॉ. आशीष माथुर ने स्वामी विवेकानंद के दर्शन को पाठ्यक्रम का अभिन्न भाग बनाने का सुझाव दिया। सहायक कुलसचिव डॉ. संजीव सिंह ने स्वामी विवेकानंद के जीवन प्रसंगों के बारे में जानकारी दी। इससे पूर्व डीन प्रो. संध्या गिहर ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान की। संचालन मारिया जोसफिन ने किया।

कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्रों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार राउत, डॉ. रमेश एम., डॉ. अरूण कुमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया।

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