स्वाईन फ्लू से बचाव का हर संभव प्रयास करें , पीड़ित व्यक्तियों का तत्परता से उपचार करें- कलेक्टर श्री जैन

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छिन्दवाड़ा- (ईपत्रकार.कॉम) |कलेक्टर श्री जे.के. जैन की अध्यक्षता में आज मिनी संवाद कक्ष में प्राईवेट हॉस्पिटल संचालक व स्वास्थ्य विभाग की बैठक संपन्न हुई। बैठक में स्वाईन फ्लू और अन्य मौसमी बीमारियों के बचाव पर गहन चर्चा की गई। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एस.गोगिया और प्राईवेट हॉस्पिटल के संचालक उपस्थित थे। जिले के नागरिकों को स्वाईनफ्लू से बचाव की सलाह दी गई है।

कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि आम तौर पर एच-वन एन-वन इन्फ्ल्यूएंजा या स्वाईन फ्लू 4 वायरसों के संयोजन से होता है जिसके वाहक सुअर होते है। अभी तक यह वायरस जानवरों के लिये घातक नहीं था और न ही इसने इंसानों को प्रभावित किया था, किन्तु जबसे इस विषाणु का उत्परिवर्तन हुआ है, इस फ्लू ने महामारी का रूप धारण कर लिया है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि जोखिम का विषय यह है कि एक नया वायरस स्ट्रीम बन जाने से कोई भी इससे अप्रभावित नहीं है और प्रत्येक व्यक्ति इस संक्रमण के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने इस बीमारी से बचाव के लिये चिकित्सको की सलाह से उपचार लेने की अपील जिले के नागरिकों से की है। उन्होंने चिकित्सको को भी निर्देश दिये है कि स्वाईन फ्लू क्या है, इस बीमारी के लक्षण और उपचार के संबंध में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें तथा स्वाईन फ्लू से बचाव का हर संभव प्रयास करें और इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों का तत्परता से उपचार करें।

बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोगिया ने बताया कि स्वाईनफ्लू (एच1एन1) वायरस संक्रमणकारी बीमारी है। सामान्यत: इसका संक्रमण संक्रमित व्यक्ति की छींक या खाँसी के संपर्क में आने के कारण होता है तथा स्वाईनफ्लू का संक्रमण जुलाई से फरवरी माह मे ज्यादा सक्रिय होता है। इसका संक्रमण नाक, मुंह एवं गले से आरंभ होकर फेंफड़ो तक पहुंचकर जानलेवा हो सकता है। इसलिये गले स्तर पर अर्थात् साँस लेने में तकलीफ होने पर मरीज बिना विलंब के तत्काल निकटतम चिकित्सालय मे जाकर चिकित्सीय सलाह लेकर उपचार करा सकते है। उन्होंने बताया कि स्वाईन फ्लू से बचाव ही उसका उपचार है, इसलिये ऐहतियात बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने सलाह दी है कि सर्दी, जुकाम, खाँसी, गले मे खरास, सिर दर्द, बुखार के साथ साँस लेने मे तकलीफ होने पर मरीज तत्काल चिकित्सकीय परामर्श ले और परामर्श का पालन करे। इसमें 24 घंटे के भीतर उपचार आरंभ करना आवश्यक है। मरीज उपचार लेकर स्वस्थ व सुरक्षित रहे। याद रखे कि इसमें विलंब घातक हो सकता है। उन्होंने बताया कि सभी शासकीय चिकित्सालयों मे स्वाईन फ्लू की दवाईयां नि:शुल्क उपलब्ध है। उन्होंने सलाह दी है कि खाँसते एवं छींकते समय मुंह पर रूमाल रखे, संक्रमण होने पर एवं संक्रमण से बचाव हेतु भीड़-भाड़ से दूर रहे। किसी वस्तु, व्यक्ति एवं स्वयं के चेहरे को छूने से पहले एवं बाद मे साबुन से हाथ धोयें। संक्रमित व्यक्ति से लगभग एक मीटर की दूरी बनाये रखे। उन्होंने सभी गणमान्य नागरिकों एवं स्वयंसेवी संस्थाओ से अपील की है कि स्वाईन फ्लू के लक्षण पाये जाने पर तत्काल निकटतम शासकीय चिकित्सालयो मे परामर्श एवं उपचार ले। बैठक में अन्य मौसमी बीमारी के संबंध में चर्चा की ग

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