हज के लिए महरम की जरूरत को पहले ही खत्म कर दिया गया था: ओवैसी

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हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को प्रधानमंत्री के उन दावों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि यह उनकी सरकार है जिसने मुस्लिम महिलाओं के लिए बिना महरम के हज करना संभव बनाया।

हैदराबाद के सांसद ने मीडिया को बताया, ‘‘यह नियमन (45 साल से अधिक की मुस्लिम महिलाएं बिना महरम के हज पर जा सकती हैं) सऊदी अधिकारियों ने कई साल पहले ही पारित कर दिया था।’’ गौरतलब है कि पहले मक्का और मदीना में हज की यात्रा पर जाने के लिए महिलाओं को महरम की जरूरत होती थी। महरम में पति के अलावा परिवार के ऐसे सदस्य शामिल होते हैं जिनसे शादी नहीं हो सकती है।

ओवैसी ने कहा, ‘‘45 साल से अधिक की महिलाएं समूहों में हज के लिए जा सकती हैं। मलेशिया, इंडोनेशिया और अरब देशों की महिलाएं हज के लिए जा रही हैं। प्रधानमंत्री हर मुद्दे पर श्रेय लेना चाहते हैं।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में कहा था कि उनकी सरकार ने उन पाबंदियों को हटा दिया है कि महिला हज जायरीन के साथ कोई पुरुष महरम अवश्य होना चाहिए। इसके बाद सैकड़ों महिलाओं ने अकेले हज यात्रा करने के लिए आवेदन किया है। ओवैसी ने कहा, ‘‘अल्लाह की करम से ताजमहल और चारमीनार पहले से बने हुए हैं, अन्यथा वह (मोदी) दावा करेंगे कि उन्होंने ही इन्हें बनाया है।’’