हमे अपने आज को इस प्रकार जीना चाहिए जैसे आने वाला कल ही हमारा अंत हो-श्री राणा

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पन्ना – (ईपत्रकार.कॉम) |जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजेश कुमार कोष्टा के कुशल मार्गदर्शन में जिला जेल पन्ना में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड पन्ना दिनेश सिंह राणा के मुख्य आतिथ्य, मुहम्मद जीलानी जिला विधिक सहायता अधिकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पन्ना एवं सत्यभान मिश्रा जेल उप अधीक्षक जिला जेल पन्ना की सहभागिता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं भ्रमण किया गया।

शिविर में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राणा ने उपस्थित बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि जरूरतमंद पीडितों को सहायता पहुंचाने की दृष्टि से मध्यप्रदेश में सितम्बर 1995 में मानव अधिकार आयोग को गठन किया गया। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग का गठन करने वाले अग्रणी राज्यों में से एक है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के लिए कार्य करता है। उन्होंने मानव अधिकार आयोग के आमजनों के हितार्थ किये जाने वाले कार्यो शिकायकर्ता अपनी शिकायत कैसे कर सकता है, आयोग स्वतः संज्ञान कैसे और किन मामलों में ले सकता है, शिकायत प्रकोष्ठ एवं आयोग मित्र की भूमिका एवं बंदियों के हितार्थ मानव अधिकार आयोग एवं विधिक सेवा प्राधिकरण से होने वाले लाभों आदि के बारे में जानकारी प्रदान की।

उन्होंने बताया कि जमानतीय मामलों में बंदी के जमानत हेतु प्रतिभु (जमानतदार) द्वारा दण्ड प्रकिया संहिता में प्रावधानित प्रक्रियानुसार एवं निर्देशानुसार प्रतिभु जमा करने पर बंदी को जमानत प्राप्त हो जाती है। उन्होंने बलात्कार एवं लिंग संबंधिक अपराधों पर त्वरित चिकित्सीय जॉच कराये जाने पर बल देते हुए कहा कि इसमें पीडित पक्षकार को यथाशीघ्र चिकित्सीय जॉच कराना चाहिए ताकि पर्याप्त सबूत मिल सके जिससे आरोपी को विरूद्ध ठोस साक्ष्य प्राप्त हो सकें एवं जिस व्यक्ति पर ऐसे आरोप लगाये गये हो यदि वह व्यक्ति भी चाहे तो उपस्थित होकर अपनी चिकित्सीय जॉच हेतु आवेदन दे सकता है। जिससे कि कुछ विशेष मामलों में जिनमें रंजीशन अथवा साजिश के तहत ऐसे झूठे आरोप लगा दिये जाते है के बारे में आवश्यक साक्ष्य जुटाये जा सकते है। उन्होंने जेल का भ्रमण करते हुए एवं बंदीजनों से बात करते हुए समस्याओं को जाना एवं उन समस्याओं के निवारणार्थ संबंधित को आवश्यक निर्देश दिये।

जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री जीलानी ने शिविर में बताया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अध्याय 21-ए के रूप में प्ली -बारगेनिंग का प्रावधान जोडा गया है। प्ली बारगेनिंग दण्डिक मामले का समझौते के आधार पर अंतिम निराकरण हेतु एक अनुबंध है, जो कि न्यायालय के निर्देशन एवं नियंत्रण में होता है। उन्होंने निःशुल्क विधिक सहायता, लीगल एड क्लीनिक योजना विनियम 2011 एवं म.प्र. मानव अधिकार आयोग दिवस क्यों मनाया जाता इसके संबंध में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की।

उप अधीक्षक जिला जेल पन्ना श्री मिश्रा ने शिविर में उपस्थित बंदीजनों को विधिक प्राधिकरण द्वारा संचालित निःशुल्क विधिक सहायता व सलाह, लीगल एड क्लीनिक में पैनल लायर्स से कानूनी सलाह एवं अन्य योजनाओं से लाभान्वित होने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में जिला जेल पन्ना स्टॉफ, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पन्ना का स्टॉफ, जिला जेल में नियुक्त दण्डित बंदी पैरालीगल वालेन्टियर्स एवं बंदीजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम में संबंधित ब्रोशर्स निःशुल्क बंदीजनों को वितरित किए गए।

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