भारत के मोस्ट वान्टेड आतंकी हाफिज सईद को अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान में नजरबंद किया गया और मंगलवार को उसके समर्थक सड़क पर उतर आए. लाहौर में जमकर प्रदर्शन हुआ.अमेरिका और भारत को कोसते उसके समर्थक नारेबाजी करते रहे. उधर पाक सेना ने नजरबंदी को सही बताया है.
सेना ने कहा- राष्ट्रहित में फैसला
इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने भी कहा कि हाफिज सईद की हिरासत राष्ट्रहित में लिया गया एक नीतिगत फैसला है. सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि उसे हिरासत में लिया जाना राष्ट्रहित में लिया गया एक नीतिगत फैसला है. संबंधित विभाग अगले एक या दो दिन में इस पर और जानकारी दे सकता है और तब स्थिति और साफ होगी.
गौरतलब है कि पंजाब प्रांत के गृह विभाग के आदेश के बाद सईद और चार अन्य जमात नेताओं को सोमवार को पंजाब प्रांत में नजरबंद किया गया. यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय के 27 जनवरी के निर्देश के बाद किया गया. सईद और उसके सहयोगियों अब्दुल्ला उबैद, जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद और काजी काशिफ नियाज को जमात उद दावा के लाहौर मुख्यालय के पास चौबुर्जी से हिरासत में लेने के बाद नजरबंद किया गया है.
90 दिनों की हिरासत में लिया
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, वे पंजाब के अलग-अलग जिलों से आते हैं लेकिन सरकार ने उन्हें लाहौर में एक ही घर में नजरबंद रखने का फैसला किया है. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, सरकार ने सईद और जमात उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत के चार अन्य नेताओं को 30 जनवरी से 90 दिनों के लिए हिरासत में लिया है, लेकिन जरूरत हुई तो इस अवधि के पूरा होने पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले दिनों में जमात उद दावा और उसकी सहयोगी संस्थाओं के खिलाफ कुछ और कदम उठा सकती है. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि जमात और एफआईएफ के कुछ कार्यकर्ताओं के नाम उस सूची में शामिल किए गए हैं जिनके देश छोड़ कर जाने पर रोक है.