इनकम टैक्स के नियमों को सरल बनाने के लिए बनाई गई आर वी ईश्वर समिति ने 6 महीने के भीतर टैक्स रिफंड करने का सुझाव दिया है, इतना ही नहीं अगर रिफंड में देर होती है तो 12-18 फीसदी ब्याज देने की भी सिफारिश की है.
मैनुअली रिटर्न फाइल करने वालों को फायदा
आर वी ईश्वर समिति द्वारा दी गई सिफारिशों को अगर मान लिया गया तो इनकम टैक्स रिफंड के लिए इनकम टैक्स पेयर्स को अब दो से तीन साल का इंतजार नहीं करना होगा. हालांकि, हाल के दिनों में ई-रिटर्न फाइल करने वालों को 2-3 माह में रिफंड मिलने लगा है लेकिन समिति की सिफारिश है कि इसे मैनुअल तरीके से रिटर्न फाइल करने वालों पर भी लागू किया जाए.
क्या कहती है आईटी एक्ट की धारा
समिति के मुताबिक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के 6 महीने के दौरान ही रिफंड कर दिया जाना चाहिए. हालांकि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 143 (आईडी) के मुताबिक ऐसा जरूरी नहीं है कि स्क्रूटनी नोटिस जारी होने के बाद रिटर्न की प्रक्रिया शुरू ही कर दी जाए.
1.81 करोड़ मामलों में रिफंड जारी
आपको बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि के दौरान 3.27 करोड़ आईटी रिटर्न की जांच परखकर उसे अपने रिकार्ड में लिया और 1.81 करोड़ मामलों में रिफंड जारी किए. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी), बेंगलुरू ने 31 दिसंबर तक 3.27 करोड़ रिटर्न मामलों की पड़तालकी. यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 2.65 करोड़ के आंकड़े से 18 प्रतिशत अधिक है.