नई दिल्ली: ईवीएम की विश्वसनीयता पर बहस के बीच चुनाव आयोग इस मुद्दे पर अपना रुख बताने के लिए कल 55 राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों से मिलेगा। आयोग ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर चर्चा करने के लिए सात राष्ट्रीय पार्टियों और 48 राज्य स्तरीय पार्टियों की बैठक बुलाई है।
गौरतलब है कि ईवीएम में लोगों का विश्वास खत्म हो जाने का दावा करते हुए 16 पार्टियों ने आयोग से मतपत्र के जरिए चुनाव कराने की व्यवस्था की आेर लौटने का अनुरोध किया था। आयोग के ईवीएम हैकिंग चुनौती की अपनी योजना के बारे में पार्टियों को जानकारी देने की संभावना है। प्रस्तावित बैठक से कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा में एक वोटिंग मशीन की हैकिंग को प्रदर्शित किया था। पार्टी ने इस प्रदर्शन के लिए ईवीएम के एक प्रारूप का इस्तेमाल किया था।
हालांकि, चुनाव आयोग ने आप के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह ईवीएम जैसा दिखता है लेकिन वह चुनाव आयोग का ईवीएम नहीं है। सर्वदलीय बैठक के बाद प्रस्तावित चुनौती की तारीख के बारे में फैसला किया जाएगा। कुछ पार्टियों ने मांग की है कि उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई मशीनों को परखने की इजाजत दी जाए।
मतदाताओं को रिश्वत देने को लेकर आरोप पत्र में नामजद उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने, चुनावी भ्रष्टाचार को गैर जमानती अपराध बनाने और ‘पेपर ट्रेल’ के जरिए मतगणना के आदेश के लिए नियमों को आसान करने जैसे मुद्दों पर कल राजनीतिक पार्टियों के साथ होने वाली बैठक में चुनाव आयोग चर्चा करेगा। आयोग ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा था, ‘‘ईवीएम और वीवीपीएटी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए चुनाव आयोग ने 12 मई को नई दिल्ली में सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक पार्टियों की एक बैठक बुलाई है। ’’