ID प्रूफ देने पर ही रिचार्ज होगा प्रीपेड सिम कार्ड

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मोदी सरकार एक ऐसे प्लान पर काम कर रही है, जिसके तहत अगले एक साल में सभी प्रीपेड सिम कार्ड होल्डर्स को अपनी पहचान साबित करने के बाद ही सिम रिचार्ज करने की इजाजत दी जाएगी। सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने चीफ जस्टिस जे एस खेहर की अगुवाई वाली बेंच को बताया कि सरकार आधार से जुड़े केवाईसी जैसे प्रॉजेक्ट को लेकर जल्दबाजी में आगे नहीं बढ़ सकती है क्योंकि इसके लिए फाइनैंशल ट्रांजैक्शंस में भी पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी, जिसका मोबाइल फोन के जरिए तेजी से प्रचलन बढ़ रहा है।

चीफ जस्टिस ने इस पर वाहवाही लेने के रवैये पर सरकार को आड़े हाथों लेने की कोशिश की, लेकिन अटॉर्नी जनरल ने इसका विरोध किया। उन्होंने अदालत से कहा कि आधार फिलहाल स्वैच्छिक है, लेकिन इसे जरूरी करने के लिए कानून पेश कर दिया गया है। लिहाजा, इस स्कीम में जरूरी वाला पहलू नहीं है। रोहतगी ने दावा किया कि अब तक भारत में 110 करोड़ लोग अपना आधार कार्ड बनवा चुके हैं। 75 साल से ज्यादा उम्र के काफी कम लोग ही अब तक आधार से नहीं जुड़े हैं।

अटॉर्नी जनरल ने दलील दी कि आधार कार्ड के आधार पर सरकार फर्जी पीडीएस कार्डधारकों को हटाने में कामयाब रही है और इससे 40,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की सब्सिडी का लीकेज खत्म करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा, ‘पहचान पत्र के बाकी माध्यमों की नकल की जा सकती है, लेकिन आधार में बायोमीट्रिक्स की कॉपी नहीं की जा सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार सभी मोबाइल फोन ग्राहकों के लिए आधार से जुड़े केवाईसी की तैयारी में है। हालांकि, इसमें वक्त लगेगा और यह रातोरात नहीं किया जा सकता।

ऐसे अधिकतर कदमों का मकसद आने वाले दिनों में फाइनैंशल फ्रॉड रोकना है। रोहतगी ने अपनी दलील में एक बार फिर पेटीएम का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद मोबाइल फोन से फाइनैंशल ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी होगी। इससे अपराध भी रुक सकेगा। उन्होंने कहा, ‘एक साल में हम आधार से जुड़े केवाईसी के लिए सिस्टम बनाएंगे।’

रोहतगी ने कहा कि ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, 95 फीसदी से भी ज्यादा सिम कार्ड प्रीपेड हैं, न कि पोस्टपेड। ये देशभर के 1 लाख से ज्यादा काउंटरों पर बेचे जाते हैं। चीफ जस्टिस शुरू में कह रहे थे कि सरकार को सभी ग्राहकों के हाथों में एक फॉर्म दे दे और जब वे अपना कार्ड रीचार्ज करने के लिए आएं तो उसे भरकर लाएं। इसके बाद कहा जा सकता है कि आप एक तय समयसीमा के भीतर आईडी प्रूफ सौंपे या इसे रीचार्ज नहीं कराएं। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा, ‘अगर यह शर्त तुरंत सख्ती से लागू की जाती है, तो इससे काफी लोग प्रभावित होंगे। यह बैंकिंग और मॉनिटरी ट्रांजैक्शंस को प्रभावित करेगा।’

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