PAK ने आतंकी बुरहान को बताया ‘शहीद’, 19 जुलाई को मनाएगा ब्लैक डे

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इस्लामाबाद/नई दिल्ली. आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर से पाकिस्तान तिलमिला उठा है। नवाज शरीफ ने उसे ‘शहीद’ का दर्जा दे दिया है। साथ ही जम्मू-कश्मीर में हिंसा पर 19 जुलाई को पाक में ब्लैक डे मनाने का एलान किया है। शुक्रवार को कश्मीर मसले पर चर्चा के लिए शरीफ ने लाहौर में स्पेशल कैबिनेट मीटिंग बुलाई। इसमें उन्होंने कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई। भारत ने इस पर पाक को फटकार लगाते हुए इसे अंदरूनी मामलों में पाक की दखलंदाजी करार दिया है।
नवाज ने और क्या कहा…
 – मीटिंग में पीएम नवाज ने कहा, ‘पाकिस्तान, कश्मीरियों को उनके आंदोलन के लिए मॉरल, पॉलिटिकल और डिप्लोमैटिक सपोर्ट देता रहेगा।’
– पाकिस्तान का दावा है कि कश्मीर में भारतीय सेना कश्मीरियों के संघर्ष को दबाने की कोशिश कर रही है।
– रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक शरीफ ने बुरहान को आजादी के आंदोलन का शहीद सिपाही बताया है।
भारत ने सख्त एतराज जताया
 – भारतीय फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन विकास स्वरूप ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा- “भारत, जम्मू कश्मीर की स्थिति पर पाक कैबिनेट के फैसलों को सिरे से खारिज करता है।”
– “पाकिस्तान को भारत के इंटर्नल मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। वह ऐसे फैसलों से साउथ एशिया में तनाव पैदा कर रहा है।”
– “बैन हो चुके आतंकी संगठनों के आतंकियों की लगातार तारीफ से साफ है कि पाक की सहानुभूति किसकी तरफ है।”
– “पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान जिस तरह जम्मू-कश्मीर के हालिया घटनाक्रम से सियासी लाभ उठाने की कोशिशें कर रहा है इससे उसकी योजना का पता चलता है।”
19 जुलाई का फैसला क्यों?
 – 19 जुलाई, 1947 को कश्मीरियों के एक बड़े तबके के रिप्रेजेंटेटिव्स ने एक रेजोल्यूशन पास किया था। जिसके मुताबिक उन्होंने पाकिस्तान में मिलने की बात कही थी।
– पाकिस्तान का दावा है कि कश्मीरी मुसलमानों ने अपने सोशियो-इकोनॉमिक हितों को ध्यान में रखते हुए पाक में मिलने का फैसला लिया था।
नवाज का ऑर्डर- हाईलाइट करो भारत का टॉर्चर
 – नवाज ने अपने सभी डिपार्टमेंट्स से कहा है कि वे कश्मीर में भारत की एक्टिविटीज को टॉर्चर बताकर इंटरनेशनल फोरम पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाएं।
– नवाज ने ये भी कहा कि सरकार और पाकिस्तान के लोग कश्मीरी भावनाओं का सम्मान करते हैं। उन्हें हम सपोर्ट करते रहेंगे।
पाक के डिफेंस मिनिस्टर ने कश्मीर हिंसा को गुजरात दंगों से जोड़ा
 – पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कश्मीर हिंसा को गुजरात दंगों से जोड़ दिया है।
– उन्होंने कई ट्वीट कर कश्मीर हिंसा का कॉम्पैरिजन गुजरात में 2002 में हुए दंगों से किया है।
– आसिफ ने इसे मोदी द्वारा गुजरात में की गई तथाकथित ‘जातीय सफाई’ का विस्तार करार दिया है।
अफसर करीम, इंटरनेशनल मामलों के जानकार
 – खराब विदेश देश नीति और भारत के प्रति नरमी बरतने के लिए नवाज शरीफ की पाक में इस वक्त काफी खिंचाई हो रही है।
– भारत के खिलाफ इस तरह की बयानवाजी करके वो उस गुस्से को कम करना चाहते हैं।
– पाकिस्तान की यह नौटंकी ज्यादा दिन नहीं चलेगी। हफ्ते-दो हफ्ते में हालात सामान्य हो जाएंगे।
– पाकिस्तान की ना तो सुनवाई यूएन में है ना ही यूरोप में है। उसे सब अच्छी तरह समझते हैं।
एन.एन. झा, रिटायर्ड ऑफिसर, इंडियन फॉरेन सर्विस
 – ये दबाव का तरीका है। पाकिस्तान इसके जरिए भारत पर दबाव बनाना चाहता है।
– साथ ही इसके जरिए वो फिर से काश्मीर को इंटरनैशनल स्तर पर मुद्दा बनाना चहाता है।
– ऐसे हथकंडो से कुछ नहीं होगा। जब भी वहां की राजनीतिक पार्टियां दबाव में होती हैं, भारत के खिलाफ इस तरह के प्रचार करती हैं।
– पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियों को सेना की बात माननी ही पड़ती है। इसलिए भारत के खिलाफ लगातार षडयंत्र होते रहते हैं।

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