PM मोदी ने टैक्स अधिकारी कहा अघोषित संपत्ति का पता लगाएं

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नई दिल्ली (ई-पत्रकार) |प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को टैक्स अफसरों से अघोषित आय और बेनामी संपत्ति का पता लगाने के लिए आंकड़ों का उपयोग करने और 2022 तक कर प्रशासन में सुधार के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ब्लैक मनी से जुड़े डेटा को खंगाला जाए, ताकि कालेधन की जांच सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ सके। त्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर अधिकारियों के दूसरे सालाना संयुक्त सम्मेलन ‘राजस्व ज्ञान संगम’ का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कर अधिकारियों से लंबित मामलों का निपटान करने और ऐसा माहौल बनाने को कहा है जिससे ईमानदार करदाताओं के बीच भरोसा बढ़े और भ्रष्टाचार जड़ से समाप्त हो।

मोदी ने अफसरों को डाटा ऐनालिटिकल टूल्स का इस्तेमाल करने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर अधिकारियों के दूसरे सालाना संयुक्त सम्मेलन ‘राजस्व ज्ञान संगम’ का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) और सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज ऐंड कस्टम्स (सीबीईसी) के अफसर हिस्सा ले रहे हैं।

ई-आकलन पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मई 2014 में सत्ता आने के बाद से ही करदाताओं को आश्वासन देते रहे हैं कि वह जवाबदेही और उत्तरदायित्व निर्धारित करके करदाताओं में अधिकारियों को लेकर जो डर है, उसे समाप्त करेंगे। इस संबंध में जो उपाय किए गए हैं, उसमें भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए करदाताओं और अधिकारियों के बीच कम-से-कम आमना-सामना सुनिश्चित किया जाना शामिल है। इसके लिए रिटर्न की आसान ऑनलाइन फाइलिंग और दावा राशि की वापसी के साथ कागज रहित ई-मेल आधारित ई-जांच शामिल है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि कर प्रशासन में मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम हो। उन्होंने ई-आकलन पर जोर देने और प्रौद्योगिकी का उपयोग कर चुपचाप कार्यवाही करने को कहा ताकि निहित स्वार्थी तत्व कानून में बाधा नहीं डाल पाएं।’’

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