ईरान-पाक में दरार पैदा करने में सफल नहीं होगा भारत

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पाकिस्तान द्वारा एक ईरानी जासूसी ड्रोन को मार गिराए जाने के बाद चीन के एक विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी)का हव्वा खड़ा करके ईरान और इस्लामाबाद के बीच दरार पैदा नहीं कर सकता है।

बता दें कि बीते 19 जून को एक ईरानी ड्रोन को पाकिस्तानी वायुसेना के जेएफ-17 थंडर जेट ने मार गिराया था। यह जेट चीन निर्मित है। पाकिस्तानी विदेश विभाग ने मीडिया को बताया कि ईरानी ड्रोन जासूसी मिशन पर था और पाकिस्तान की हवाई सीमा में बहुत अंदर तक आ गया था। इसके बाद उसे मार गिराया गया।

सीपीईसी के कारण चीन चिंतित
ईरान और पाकिस्तान के बीच संबंधों के तनाव के बारे में चीन चिंतित है क्योंकि उसे लगता है कि इससे सीपीईसी पर असर पड़ेगा। सीपीईसी परियोजना चीन के शिनजियांग को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को जोड़ेगी। ग्वादर ईरानी सीमा के निकट है।

बहरहाल, एक चीनी विशेषज्ञ ने इस बात पर जोर दिया कि ईरानी ड्रोन को मार गिराने से दोनों देशों का संबंध प्रभावित नहीं होगा। ईरान में चीन के राजदूत रह चुके हुआ लिमिंग ने कहा,भारत 50 अरब डॉलर की सीपीईसी परियोजना का हव्वा खड़ा करके ईरान और पाकिस्तान के बीच दरार पैदा करने में सफल नहीं होगा। हुआ ने कहा कि ईरान और पाकिस्तान पड़ोसी देश हैं और उनके संबंधों में बहुत सारी समस्याएं नहीं रही हैं, लेकिन भारत ईरान को यह मनवाने का प्रयास कर रहा है कि सीपीईसी और खासकर ग्वादर बंदरगाह के निर्माण से उसके हितों को नुकसान पहुंचेगा।

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