टूटी हुई कश्ती से किनारा न मिलेगा -एक शायरी

0

टूटी हुई कश्ती से किनारा न मिलेगा |
.
हारे हुए बाजू से सहारा न मिलेगा ||
.
मिल जाएंगे कितने ही जताने के लिए प्यार |
.
मुझ जैसा कोई चाहने वाला न मिलेगा ||
.
महफिल में तो हंसते हैं सभी साथ तुम्हारे |
.
तनहाई का साथी कोई तन्हा न मिलेगा ||
.
क्या सोच की तितली ने किया रुख उधर को यार |
.
इस वक्त तो गुलशन भी बियाबान मिलेगा ||
.
छूने से भी टूटे, जो वह रिश्ता हमारा है |
.
रिज्व़ा को कहीं मजबूत ऐसा रिश्ता न मिलेगा ||

Previous articleबच्चे करते है कंप्यूटर पर काम तो ,ध्यान में रखें ये बाते
Next articleमुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति के कार्यक्रमों की तैयारियों की समीक्षा की

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here