वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं को कड़ी चेतावनी देते हुए आज कहा कि उन्हें ईमानदारी से कर का भुगतान करना चाहिए वरना उन्हें कहीं अधिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में 2019-20 के बजट में कर संबंधी प्रावधानों की घोषणा से पहले ईमानदार करदताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके बहुमूल्य अंशदान के कारण ही सरकार देश के समावेशी और सर्वांगीण विकास के सामूहिक सपने को साकार करने में जुटी है।
इसके तुरंत बाद उन्होंने तमिल कवि पिसिरेन्द्रयार की एक कविता ‘‘यान्नै पुगुन्धा निलम” के जरिये करदाताओं को अपने आप करों का भुगतान करने की सलाह दी। उन्होंने कहा ,‘‘ ऐसी परिस्थिति में मुझे पिसिरेन्द्रयार की एक तमिल संगम काल की पुरा नानरू नामक कृति की एक पंक्ति में बुद्धिमत्ता झलकती है। ‘‘यान्नै पुगुन्धा निलम ” नामक कविता में राजा पांडियन अरिबुद्धे नाम्बि को सलाह दी गयी थी।”
इस तमिल कविता के कुछ छंद पढने के बाद उन्होंने कहा ,‘‘इसका अर्थ यह है कि भूमि के एक छोटे से टुकड़े से प्राप्त धान की फसल से निकाले गये चावल के कुछ ढेर एक हाथी के लिए पर्याप्त होंगे। लेकिन यदि कोई हाथी धान के खेत में स्वयं घुसकर उसे खाना शुरू कर दे तब क्या होगा। वह जितना खाएगा उससे कहीं अधिक पैरों से कुचलकर बरबाद कर देगा।” वित्त मंत्री ने कहा कि इस कविता को पढने का उनका अभिप्राय कराधान को लेकर है कि करदाता स्वयं ही कर अदा करें, सरकार की मंशा किसी को नुकसान पहुंचाने की नहीं है।