पीएम मोदी बताए यह गोडसे का भारत है या गांधी का भारत-ओवैसी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस बयान के लिए एक बार कहा था कि वह प्रज्ञा ठाकुर को कभी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे, आज लगभग उसी बयान को भोपाल की सांसद ने लोकसभा में दोहरा दिया। उनके ताजा बयान पर फिर हंगामा बरपा है। विपक्ष ने इसे लेकर बीजेपी के साथ-साथ सीधे पीएम मोदी पर हमला बोल रहा है। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री से पूछा कि वह स्पष्ट करें कि यह गोडसे का भारत है या गांधी का भारत। हालांकि, साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि उन्होंने ऊधम सिंह का जिक्र करने पर टोका था न कि गोडसे के जिक्र पर।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर प्रज्ञा ठाकुर के बयान को शर्मनाक बताया। उन्होंने लिखा, ‘इस सांसद ने भारत के पहले आतंकवादी का देशभक्त बताकर बचाव करके संसद का अपमान किया है। शर्मनाक। बीजेपी ने कल संविधान दिवस मनाया था। आज आतंक की आरोपी इसकी सांसद ने गोडसे को देशभक्त बताया है। प्रधानमंत्री कब स्पष्ट करेंगे- यह गोडसे का भारत है या गांधी का भारत?’

प्रज्ञा ने तो गोडसे का नाम ही नहीं लिया
साध्वी प्रज्ञा के बयान पर विवाद बढ़ने के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने संसद से बाहर कहा कि बीजेपी सांसद ने गोडसे या किसी अन्य का नाम ही नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (प्रज्ञा) गोडसे या किसी अन्य का नाम नहीं लिया। रेकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है। इस तरह की खबरों को फैलाना ठीक नहीं है।’

इतना ही नहीं, मंत्री ने यहां तक दावा किया कि प्रज्ञा ने तब आपत्ति जाहिर की जब ऊधम सिंह का नाम लिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘उनका (प्रज्ञा) माइक चालू नहीं था। जब ऊधम सिंह का नाम लिया जा रहा था तब उन्होंने आपत्ति जताई थी। उन्होंने इस बारे में सफाई भी दी है और मुझे व्यक्तिगत तौर पर भी बताया है।’

सदन के रेकॉर्ड से हटा दिया गया है प्रज्ञा का बयान
साध्वी प्रज्ञा के गोडसे पर दिए बयान पर विपक्षी दल विरोध करने लगे। बाद में स्पीकर ओम बिरला ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही के रेकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया। वैसे भी आम तौर पर संसद में किसी सदस्य के भाषण के दौरान टोका-टाकी वाले बयानों को रेकॉर्ड में शामिल नहीं किया जाता है।

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