ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन को सितंबर में समाप्त हुई तिमाही में दोगुने से ज्यादा यानी 3,572 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। दरअसल, ऐमजॉन ने ऑनलाइन रिटेल कंपनी फ्लिपकार्ट को पछाड़ने के लिए अपने बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए खर्च बढ़ाने शुरू कर दिए, जिसके चलते उसे यह बड़ा घाटा हुआ।
पिछले वित्त वर्ष यह घाटा 1,723 करोड़ रुपये का था। इतने कम समय में नुकसान में हुई यह बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि ऐमजॉन ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान हर महीने करीब 300 करोड़ रुपये की रकम गंवाई है। ऐमजॉन सेलर सर्विसेज ने इसी साल करीब 123 फीसदी की उछाल के साथ 2, 275 करोड़ रुपये का रेवेन्यू भी जेनरेट किया है। ऐसा तब हुआ जब कंपनी को 2016 के वित्त वर्ष तक करीब 5,637 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
ऐमजॉन के इस तेजी से बढ़ रहे खर्च ने परिणाम दिखाने भी शुरू कर दिए हैं। ऐमजॉन की तुलना में फ्लिपकार्ट की इसी अवधि में ब्रिकी 153 फीसदी बढ़कर 1,952 करोड़ रुपये रही। लेकिन इस राजस्व में फ्लिपकार्ट की फैशन सब्सिडियरी मिंत्रा का हिस्सा शामिल नहीं है। वैसे बता दें कि ये दोनों ही कंपनियां कमीशन, ऐडवर्टाइज़मेंट और शिपिंग चार्ज से राजस्व प्राप्त करती हैं।
प्राइम प्रीमियम सब्स्क्रिप्शन सर्विस और ग्रॉसरी बाजार में विस्तार के चलते इस वित्त वर्ष एमेजॉन का खर्च बढ़ा है। ऐमजॉन ने हाल ही में ऐमजॉन सेलर सर्विसेज में 2,010 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इस तिमाही में कंपनी का नुकसान इसलिए भी बढ़ा क्योंकि उसने भारत में त्योहारी मौसम की बिक्री में उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए दोनों हाथों से खर्च किया।
हालांकि त्योहारी दौर का असली फायदा फ्लिपकार्ट को ही मिला, जो होड़ से बाहर कही जा रही थी। त्योहारी सीजन में उसने सबसे ज्यादा बिक्री दर्ज की। ऐमजॉन की वजह से फ्लिपकार्ट को भी छूट के चक्कर में ज्यादा खर्च करना पड़ा और अधिक वेतन पर अधिकारी भी लाने पड़े।