जोक्स और शायरी वो भूखा है जनाब उसे,कहाँ मजहब समझ आता है By Editor - January 29, 2018 0 वो राम की खिचड़ी भी खाता है, रहीम की खीर भी खाता है, वो भूखा है जनाब उसे, कहाँ मजहब समझ आता है।