10 अक्टूबर को होना था 13 साल की नाबालिग का विवाह, महिला आयोग ने रुकवाया

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दिल्ली महिला आयोग की टीम ने जामिया नगर इलाके में 13 साल की नाबालिग का बाल विवाह रुकवा दिया. यह मामला 5 अक्टूबर का है. बताया जाता है कि नाबालिग के विवाह के संबंध में लड़की के एक रिश्तेदार ने ही महिला आयोग के हेल्पलाइन नंबर 181 पर फोन कर जानकारी दी थी. रिश्तेदार ने आयोग को यह बताया कि नाबालिग की शादी 10 अक्टूबर को होनी है.

नाबालिग की शादी के संबंध में जानकारी मिलते ही महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एक टीम गठित की और किरण नेगी के साथ शिकायतकर्ता को कॉल कर शादी के संबंध में जानकारी ली. शिकायतकर्ता ने 5 अक्टूबर को शादी के लिए हल्दी की रस्म होने की जानकारी दी. इसके बाद यह तय हुआ कि हल्दी की रस्म के समय ही टीम छापेमारी करे.

आयोग की टीम तय योजना के मुताबिक महिला आयोग की टीम दिल्ली पुलिस के साथ बताए गए पते पर पहुंची तो हल्दी की रस्म चल रही थी. जब टीम ने लड़की के संबंध में जानकारी चाही तो परिजनों ने उसके बालिग होने का दावा किया. आयोग की टीम के मांगने पर परिजन उसके बालिग होने का कोई सबूत नहीं दे पाए. पुलिस ने जब घर की तलाशी ली, तब लड़की एक कमरे में बंद मिली.

पुलिस और महिला आयोग की टीम लड़की को लेकर थाने आई. पीड़िता ने पुलिस और महिला आयोग को बताया कि उसके घरवाले उसे पढ़ने भी नहीं देते और अब जबरन उसका विवाह करवा रहे हैं. लड़की को मेडिकल परीक्षण के बाद शेल्टर होम भेज दिया. जामिया नगर थाने की पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है.

इस संबंध में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली जैसे शहर में भी हम न जाने कितने बाल विवाह रुकवा चुके हैं. बचपन में ही छोटी-छोटी बच्चियों को शादी के बंधन में बांध दिया जाता है. इस केस में भी हमारी टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लड़की को मुक्त करा लिया. उन्होंने कहा कि बाल विवाह कराने वालों को सख्त सजा दी जानी चाहिए.

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