पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न और बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को 93 साल की उम्र में निधन हो गया. गुरुवार शाम पांच बजकर पांच मिनट पर नई दिल्ली के एम्स में पूर्व पीएम वाजपेयी ने अंतिम सांस ली. गुरुवार देर रात नौ बजे से उनका पार्थिव शरीर उनके आवास कृष्णा मेनन मार्ग पर रखा गया, जहां उनके अंतिम दर्शन किए गए.
उनका पार्थिव शरीर अब भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय लाया गया है, यहां एक बजे तक लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. जिसके बाद यहां से राष्ट्रीय स्मृति स्थल तक वाजपेयी की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी. शाम चार बजे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद भारत सरकार ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है, इसके अलावा कई राज्य सरकारों ने भी सात दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब समेत कई राज्यों ने एक दिन की सरकारी छुट्टी का ऐलान किया है.अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा बीजेपी मुख्यालय से लेकर राष्ट्रीय स्मृति स्थल तक ले जाई जाएगी
आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह आठ बजे से कृष्ण मेनन मार्ग, सुनहरी बाग रोड, तुगलक रोड, अकबर रोड, तीस जनवरी मार्ग, मान सिंह रोड, भगवान दास रोड, शाहजहां रोड और सिकंदरा रोड आम लोगों के लिए बंद रहेंगे. ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि डीडीयू मार्ग, आईपी मार्ग, बीएसजी मार्ग (तिलक ब्रिज से दिल्ली गेट), जेएलएन मार्ग (राजघाट से दिल्ली गेट) भी बंद रहेंगे.
कई दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि
गुरुवार रात को अटल बिहारी वाजपेयी के निवास पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांंधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई दिग्गज नेता, हर क्षेत्र की हस्तियों ने उनके अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि दी.
प्रधानमंत्री बोले- मैंने पिता तुल्य संरक्षक खोया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को उनके घर जाकर श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दुख जताया. उन्होंने कहा, ‘स्वर और शब्द देने वाले हम सभी के प्रेरणा स्रोत अटल बिहारी वाजपेयी अब नहीं रहे. वाजपेयी के रूप में भारतवर्ष ने अपना अनमोल, अटल रत्न खो दिया है. अटल का विराट व्यक्तित्व और उनके जाने का दुख दोनों ही शब्दों के दायरे से परे हैं. वो एक जननायक, प्रखर वक्ता, ओजस्वी कवि, पत्रकार, प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति के धनी और सबसे बढ़कर मां भारती के सच्चे सपूत थे.