डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने आरटीजीएस और एनईएफटी चार्ज खत्म कर दिए हैं। RBI ने पैसा ट्रांसफर करने का शुल्क 1 जुलाई से समाप्त करने की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक ने बैंकों से कहा है कि वह लाभ उसी दिन से अपने ग्राहकों को दें। आरटीजीएस (RTGS) से बड़ी राशियों को एक खाते से दूसरे खाते में तत्काल ट्रांसफर करने की सुविधा है। इसी तरह एनईएफटी के जरिए दो लाख रुपए तक की राशि तत्काल ट्रांसफर की जा सकती है।
RTGS & NEFT पर लगता था इतना चार्ज
देश का सबसे बड़ा भारतीय स्टेट बैंक एनईएफटी के जरिए मनी ट्रांसफर के लिए 1 रुपए से 5 रुपए का चार्ज लेते हैं। वहीं आरटीजीएस के जरिए पैसा ट्रांसफर करने के लिए वह 5 से 50 रुपए का चार्ज लेते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली के जरिए उसके द्वारा सदस्य बैंकों पर लगाए जाने वाले विभिन्न शुल्कों की समीक्षा की है।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंकों को सलाह दी जाती है कि वे आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली से लेनदेन पर शुल्क समाप्त किए जाने का लाभ अपने ग्राहकों को स्थानांतरित करें। रिजर्व बैंक आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए धन स्थानांतरण पर न्यूनतम शुल्क लगाता है, जबकि बैंक अपने ग्राहकों से काफी अधिक शुल्क वसूलते हैं।
ATM शुल्क की भी समीक्षा
RBI ने कहा है कि एटीएम का इस्तेमाल बढ़ रहा है। एटीएम चार्जेज और फी में बदलाव की मांग लगातार की जा रही है। इसलिए एक समिति बनाने का फैसला लिया गया है, जो सभी हितधारकों से विचार विमर्श करते हुए एटीएम शुल्क के हर पहलू पर विचार करेगी। यह समिति पहली बैठक के दो महीने के भीतर अपनी सिफारिशें सौंपेगी।
डिजिटल पेमेंट्स पर नीलेकणि ने कही थी ये बात
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई द्वारा नियुक्त नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अगर बैंकों को डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना है तो उसे अपने ग्राहकों और छोटे दुकानदारों के डिजिटल ट्रांजैक्शंस पर शुल्क को हटा देना चाहिए। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि बीते चार वर्षों में एनईएफटी ट्रांजैक्शंस के वॉल्यूम में 26% सीएजीआर से वृद्धि दर्ज की गई है। ट्रांजैक्शंस की संख्या हालांकि कम है लेकिन ट्रांजैक्शंस का साइज बड़ा है। पिछले पांच वर्षों में एनईएफटी ट्रांजैक्शंस का औसत साइज 60,000 रुपए से एक लाख रुपए के बीच रहा है।