इजरायल का पलटवार, हिजबुल्लाह के ठिकानों पर ड्रोन अटैक

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गाजा में हमास से जंग कर रही इजरायली सेना ने अब लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ भी युद्ध शुरू कर दिया है. गोलान हाइट्स पर रॉकेट अटैक में 12 बच्चों की मौत के बाद इजरायल ने भी बदले की कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके तहत सोमवार को आईडीएफ ने लेबनान के अंदरूनी इलाकों और दक्षिणी में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले किए है. इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं.

इजरायल के कब्ज़े वाले क्षेत्र गोलान में हमले के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपना अमेरिका दौरे बीच में ही छोड़कर लौट आए. उन्होंने आते ही हिजबुल्लाह के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तेल अवीव में सुरक्षा कैबिनेट की अहम बैठक बुलाई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह पर बड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया और इसके साथ ही उसको भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी है.

इजरायल के इस फैसले के बाद मध्य-पूर्व में युद्ध फैलने का खतरा बढ़ गया है. पिछले हफ्ते शनिवार की शाम को हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने गोलान के फुटबॉल मैदान में रॉकेट से हवाई हमला किया, जिसमें 12 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 20 लोग घायल हो गए. इस हमले का जिम्मेदार इजरायल ने सीधे तौर पर हिजबुल्लाह को ठहराया. हालांकि हिजबुल्लाह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

इजरायल और लेबनान के बीच जंग के मद्देनजर भारतीय दूतावास ने चेतावनी जारी की है. इसमें लेबनान में रह रहे भारतीय नागरिकों और वहां की यात्रा करने की योजना बना रहे लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. इसके अलावा बेरूत में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की भी अपील की गई है. लेबनान पिछले कई साल से राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है. यहां की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है.

पिछले 9 महीने से गाजा में सैन्य अभियान चला रहे इजरायल ने रविवार को मध्य गाजा के ब्यूरिज शरणार्थी शिविर और शुहादा कैंप को खाली करने के आदेश दिए हैं. इजरायली सेना ने बयान जारी कर फिलिस्तीनियों को सुदूर दक्षिण पश्चिम की ओर जाने को कहा है. वहां पर इजरायल ने मुवासी में मानवीय क्षेत्र बनाए हैं. वहीं, इजरायली आदेश के बाद सैकड़ों फिलिस्तीनी जान बचाने के लिए सुरक्षित इलाकों की ओर जाते दिखे.

इजरायली सेना का दावा है कि ब्यूरिज शरणार्थी शिविर में हमास के लड़ाके छिपे हुए हैं और उनका सफाया जरूरी है. वहीं कैंप में शरण लिए हुए लोगों का कहना है कि यहां हमास का कोई लड़ाका नहीं है बल्कि आम फिलिस्तीनी रह रहे हैं. एक विस्थापित फिलिस्तीनी उम मोहम्मद ने कहा, ”मैं कसम खाता हूं कि मुझे नहीं पता कि कहां जाना है. 1948 में वे एक बार विस्थापित हुए थे. लेकिन इस बार दसवीं बार हो रहे हैं.”

इजरायल ने रविवार को गाजा के अलग-अलग इलाकों में हवाई हमले भी किए, जिसमें कम से कम 66 फिलिस्तीनी मारे गए. सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं. सबसे बड़ा हमला खान यूनिस में हुआ. इसमें एक चार महीने की बच्ची समेत 15 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई. 7 अक्टूबर के बाद से इजरायली सैन्य कार्रवाई में अबतक 39 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है, वहीं घायलों की संख्या करीब एक लाख है.

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