सावन माह में भगवान शिव की ही नहीं बल्कि उनके कंठ में निवास करने वाले नाग देवता की पूजा भी होती है। श्रावण में आने वाली नागपंचमी पर नागों की विशेष पूजा की जाती है। नाग देवता की आराधना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। नाग पंचमी के दिन घर के प्रवेश द्वार पर नाग देव का चित्र बनाने की परंपरा है। उनका चित्र जिस घर के प्रवेश द्वार पर बनाया जाता है, वह घर नाग कृपा से सुरक्षित रहता है और कोई मुसीबत घर में दस्तक नहीं देती। ये अद्भुत शक्तिशाली सुरक्षा कवच है, नाग पंचमी के शुभ अवसर पर आप भी जरुर बनाएं।
इस दिन घर का वास्तु ठीक करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं, जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करते हैं।
- घर की सफाई बहुत जरूरी है। इसे साफ और व्यवस्थित रखें ताकि नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम हो सके। विशेषकर घर के प्रवेश द्वार को स्वच्छ और साफ रखें क्योंकि यह घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा को प्रभावित करता है।
- घर के चारों ओर जल का छिड़काव करें। पानी में थोड़ी सी हल्दी और नमक मिलाकर इसका छिड़काव करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- घर के किसी पवित्र स्थान पर नाग देवता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और उनकी पूजा करें। इसके लिए दूध, अक्षत, फूल और धूप का उपयोग करें। घर के मंदिर में चांदी के नाग-नागिन बनवा कर रखने से कालसर्प दोष और वास्तुदोष दूर होते हैं।
- घर के उत्तरी हिस्से में नाग देवता के चित्र या मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर रखें। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- यदि घर में वास्तु दोष हैं तो उन्हें सुधारने के लिए इस दिन विशेष ध्यान दें। जैसे कि घर के उत्तर-पूर्व दिशा को साफ और स्वच्छ रखें और वहां किसी भी प्रकार का भारी सामान न रखें।
इन उपायों को अपनाकर आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं और वास्तु दोषों को कम कर सकते हैं।