अगर आप भी सर्दियों में धूप सेंकने के शौकीन है तो जाएं सावधान

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हमारे शरीर को फिट रहने के लिए कई प्रकार के विटामिन और मिनरल्स की जरुरत होती है। इन्हें में से एक विटामिन-डी भी हैं। शरीर में इसकी कमी होने पर हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिसके चलते उनमें हर वक्त दर्द हो सकता है। इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए कई बार लोग खुद ही मेडिकल स्टोर से गोलियां खरीदकर खा लेते हैं। इस तरह जरुरत से ज्यादा खाई गई गोलियों से काफी लोग हाइपर विटामिंस का शिकार हो जाते हैं और उनके खून में कैल्शियम जमा होने लगता है। इसके चलते उनकी किडनी के फेल होने की आशंका बढ़ जाती है। आज हम आपको बताते हैं कि शरीर को फिट रखने के लिए कितने वि़टामिन-डी का सेवन शरीर के लिए सही रहता है और उससे ज्यादा सेवन करने से वह आपके लिए जहर बन जाता है।

क्या है विटामिन डी?

विटामिन डी एक फैट घुलनशील विटामिन है, जिसकी जरुरत हमारे शरीर को सही तरीके से काम करने के लिए बहुत ज्यादा होती है। ये हमारी मांसपेशियों के साथ-साथ इम्यून सिस्टम, कोशिकाओें की वृद्धि के लिए बहुत ज्यादा जरुरी है। भारत जैसे देश में जहां ज्यादातर महीनों में धूप खिलती है, इस जगह विटामिन डी की कमी होना खुद में चौंकाने वाला है।

12 साल तक की उम्र के बच्चों को दिन में 400 आईयू विटामिन डी की मात्रा का सेवन जरुरी होता है। वहीं अगर आपकी उम्र 12 से लेकर 70 साल के बीच में है तो आपको दिन में 600 आईयू की मात्रा लेनी होती है। 70 से ऊपर के लोगों को 800 आईयू विटामिन डी की मात्रा लेनी चाहिए।

विटामिन डी इनटॉक्सीफिकेशन के संकेतों में शामिल हैं भ्रम की स्थिति, मतली, पेट में दर्द, उल्टी और पैंक्रियाटाइटिस, हाइपरटेंशन और दिल की अनियमित धड़कन। इसके आलवा शरीर में विटामिन डी लेवल बढ़ जाने से पॉलीयूरिया, पॉलीडिप्सिया, डिहाइड्रेशन, किडनी में कैल्सीफिकिशेन यानी कि कैल्शियम का जमा होना और गंभीर मामलों में किडनी फेलियर भी शामिल हैं।

हमारे शरीर के लिए यूं तो हर विटामिन जरुरी है लेकिन जब बात हड्डियों के स्वास्ठय की होती है तो विटामिन डी और कैल्शियम दोनों ही जरुरी होते हैं। भारत में विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए नवजात बच्चे 17 से 30 मिनट, 12 साल तक के बच्चों 30 से 45 मिनट और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को सप्ताह में 5 दिन तक धूप में रहने के जरुरत होती है।

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