आपदा से निपटने के लिए निजी चिकित्सकों को कलेक्टर के निर्देश

0

कोविड19 की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये कलेक्टर श्री गोपालचन्द्र डाड की अध्यक्षता में रतलाम शहर के समस्त निजी चिकित्सालयों/नर्सिंगहोम के संचालक/चिकित्सक सहित की बैठक कलेक्टोरेट सभागृह में आयोजित की गई। बैठक में एसडीएम रतलाम शहर श्री अभिषेक गेहलोत, डिप्टी कलेक्टर सु.श्री. शैराली जैन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रभाकर ननावरे, एसडीएम मनीषा वास्कले, ऐपिडिमियोलाजिस्ट डा. गौरव बोरिवाल व डीएमओ श्री प्रमोद प्रजापति उपस्थित थे।

बैठक में कोविड आपदा से निपटने के लिये सभी निजी चिकित्सको को कलेक्टर द्वारा निर्देश दिये गये कि सभी निजी संस्थाओं में जांच कराने आये मरीजो जिनमें आईएलआई (तीव्र श्वसन का संक्रमण, तेज बुखार, सर्दी, जुखाम, पिछले 10 दिनो के भीतर के शुरूवात के साथ) एसएआरआई (तीव्र श्वसन का संक्रमण, तेज बुखार, सर्दी जुखाम, सांस में तकलिफ पिछले 10 दिनो के भीतर के शुरूवात एवं अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो) के मरीजो की जानकारी प्रतिदिन गुगल शीट आधारित प्रपत्र पर दर्ज की जावे, यह जानकारी ग्रुप में भी दी जावे ताकि लक्षण वाले सभी मरीजो की तत्काल पहचान, आईसोलेट, टेस्ट ओर ट्रिटमेंट किया जा सके। सभी मरीजो का आक्सिजन सेचुरेशन अनिवार्य रूप से चेक किया जाकर प्रपत्र में जानकारी लिखी जावे। जिन मरिजो का एसपीओ-2 नब्बे प्रतिशित से कम पाया जावे तो उसे तत्काल कोविड अस्पताल में रैफर किया जावे। यदि निजी संस्था किसी कोविड संक्रमित मरीज का उपचार किया जाता है तो पूर्णतः स्वस्थ्य होने के पश्चात् ही डिस्चार्ज करें। मरीज को कोविड गाईडलाईन के तहत ही पूर्ण ईलाज किया जावे।

बैठक में निर्देश दिए गए कि निजी संस्था में संदिग्ध कोविड मरीजो के लिये सेप्रेट आईसोलेशन रूम, सेप्रेट स्टाफ एवं आने-जाने का रास्ता होना अतिआवश्यक है। यदि निजी संस्था द्वारा किसी मरीज को इन्दौर के अस्पताल में रैफर किये जाने से पहले वहां पर संबंधित अस्पताल की बेड स्थिति की जानकारी प्राप्त बेड रिजर्व किये जाने के पश्चात ही रैफर किया जावे। कोविड वेक्सिनेशन को अत्यधिक बढावा दिया जाकर शत प्रतिशत वैक्सिन लगवाई जावे ताकि गंभीर कोविड मरीजो की वृद्धि को रोका जा सके। यदि निजी सभी संस्थाओं में संदिग्ध कोविड मरीजों की जांच पूर्व में रेपिड एन्टीजन द्वारा की जावे यदि वह मरीज नेगेटिव पाया जाता है तो उसकी आरटीपीसीआर जांच की जावे। मरीजो की जांच हेतु आईडीएसपी के माध्यम से समन्वय स्थापित किया जावे।

Previous articleप्रदेश के कृषि उत्पाद देश ही नहीं दुनिया में धूम मचायेंगे : मुख्यमंत्री श्री चौहान
Next articleसिनेमा राजनीतिक करियर में बाधा बनता है तो मैं उसे छोड़ दूंगा-कमल हासन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here