फ्रांस में कोरोना का कहर :3 हफ्ते के लिए स्कूल बंद, घरेलू यात्राओं पर रोक

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फ्रांस में बढ़ते कोरोना वायरस के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों ने बुधवार के दिन तीन हफ़्तों के लिए देश भर के स्कूलों को बंद करने का ऐलान कर दिया है, साथ ही एक महीने के लिए घरेलू यात्राओं पर बैन लगा दिया है. बैन लगाते हुए मैक्रों ने कहा है कि देश में महामारी तेजी से बढ़ रही है.

अभी कुछ दिन पहले फ्रांस दूसरी पॉलिसी का पालन कर रहा था जिसके तहत जरूरत के हिसाब से आवश्यक जगहों पर ही प्रतिबंध लगाया जाता था न की पूरे देश में. लेकिन अब पूरे देश के स्कूलों को तीन हफ्ते के लिए बंद करने का फैसला दिखाता है कि फ्रांस में स्थिति कितनी बिगड़ने लगी है. इतना ही नहीं फ्रांस की सरकार ने कहा है कि रात के 7 बजे से सुबह के 6 बजे तक के लिए नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा.

कोरोना वायरस की वैक्सीन आ जाने के बाद माना जा रहा था कि जल्दी ही विश्व, कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जीत जाएगा लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. दुनिया भर में कोरोना वायरस दोबारा से बेकाबू होता जा रहा है.

जर्मनी की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था ने चेतावनी दी है कि कोरोना की तीसरी लहर पहले की सभी लहरों से और अधिक भयानक होने जा रही है. और इसके पीछे कोरोना वायरस का यूके स्ट्रेन बी117 है. जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि जर्मनी में 10 फीसदी लोगों को वैक्सीन का डोज मिल चुका है बावजूद इसके संक्रमण दर से ऐसा लग रहा है कि कोरोना वायरस पर कोरोना वैक्सीन आने का कोई खास असर नहीं है.

इसी तरह ब्राजील भी कोरोना का एपिसेंटर बना हुआ है. ब्राजील में कोरोना का प्रभाव वहां की राजनीति पर इतना अधिक पड़ रहा है कि वहां के विदेश मंत्री को इस्तीफा देना पड़ गया है. ब्राजील के विदेश मंत्री को इसलिए इस्तीफा देना पड़ गया है क्योंकि वहां ऐसा माना जा रहा है कि विदेशी विभाग दूसरे देशों से पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन अरेंज करने में असफल रहा है. वैसे ब्राजील, कोरोना वायरस के प्रसार की शुरुआत में ही कोरोना के चपेट में आ गया था. कोरोना के मामलों में ब्राजील दुनिया के सबसे अधिक प्रभावित देशों में दूसरे नंबर पर है.

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