सभी पंडित भी ज्ञानी और शुभ नहीं होते है। क्या आप जानते है की कोई भी पूजा चाहे वह घर की सुख शान्ति के लिए हो या फिर पितरो को शांत करने के लिए सभी व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है इसी कारण से इन्हें संपन्न कराने वाला भी सही होना चाहिए। इसी विषय में गरुड़ पुराण में भी कहा गया है की कुछ ब्राम्हणों व पंडितों से पूजा आदि कार्य नहीं करवाना चाहिए।
इनसे ना करवाएं पूजा:
- वह पंडित जो शनि का दान लेता है या दुर्जनों से किसी प्रकार की मित्रता रखता है उससे अपने घर में कभी भी पूजा नहीं करवाना चाहिए।
- जो पंडित टोना टोटका करते है उनसे कभी भी यज्ञ, हवन, पूजा या श्राद्ध नही करवाना चाहिए इन पंडितों से श्राद्ध करवाने से पितरों की आत्मा को नरक जाना होता है।
- बकरी पालने वाला, चित्रकार, वैध और ज्योतिषी यदि आप इन चारों पंडितों में से किसी से भी पूजा करवाते है तो आपको अपनी पूजा का फल प्राप्त नही होता है।
- जो पंडित बोल नहीं पाता है या जिसकी एक आँख हो या जिसे बहुत क्रोध आता हो ऐसे पंडित से भी पूजा नहीं करवाना चाहिए।
- जिस पंडित के मन में लालच भरा होता है या जिसे वेदों का ज्ञान नहीं होता है ऐसे पंडित भी पूजा करवाने के योग्य नहीं होते है।