म्यूचुअल फंड नहीं हो सकते बैंक जमा का विकल्प- सेबी प्रमुख

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नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि म्यूचुअल फंड बैंक जमा का विकल्प नहीं हो सकते क्योंकि इस तरह के निवेश उत्पादों में प्रतिफल की गारंटी नहीं होती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि खुदरा निवेशकों के लिए पूंजी बाजार में निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड सही मार्ग है।

त्यागी ने कहा, ‘म्यूचुअल फंड निवेश बैंक जमा के रिटर्न का स्थान नहीं ले सकता है। अगर लोग बैंक से म्यूचुअल फंड का रुख कर रहे हैं तो इसमें सुनिश्चित रिटर्न नहीं है लेकिन पूंजी बाजार में निवेश के इच्छुक लोगों के लिए यह सही रास्ता है।’

उन्होंने कहा, ‘खुदरा निवेशकों के लिए यह सही है कि वह म्यूचुअल फंड के माध्यम से आ रहे हैं। म्यूचुअल फंड ऐसा मार्ग है, जहां पेशेवर निवेश प्रबंधक आपकी पूंजी के निवेश को लेकर फैसला लेते हैं। इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। हालांकि, यदि वह पूंजी बाजार में निवेश कर रहे हैं तो जो वर्तमान जोखिम है वह वहां होगा।’

वर्तमान में देश की 42 म्यूचुअल फंड कंपनियां 22 लाख करोड़ से अधिक निवेशकों की परिसंपत्तियों का प्रबंधन कर रही है।

एल्गो कारोबार में बारे में त्यागी ने कहा कि सेबी इस मामले में नजर रख रही है और जोखिम प्रबंधन प्रणाली काफी मजबूत है इसलिये घबराने की जरुरत नहीं है। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) के लिए एकीकृत नियामक की स्थापना के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह मुद्दा काफी लंबे समय से चल रहा है।

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 के बजट भाषण में गुजरात स्थित गिफ्ट सिटी के लिये एकीकृत नियामक का प्रस्ताव किया था।

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