कन्या की कुंडली में विवाह कारक बृहस्पति होता है और पुरुष की कुंडली में विवाह का विचार शुक्र से किया जाता है। यदि दोनों ग्रह शुभ हों और उन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ती हो तो विवाह का योग जल्दी बनता है। यदि विवाह में विलंब हो रहा हो तो निम्न उपाय किए जा सकते हैं।
ऐसे युवक-युवतियां जिनका विवाह नहीं हो पा रहा है, तो वे उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित कमरे में रहें और इसी दिशा में शयन करें। इन्हें ऐसे कक्ष में नहीं रहना चाहिए जो अधूरा बना हुआ हो या जिस कक्ष में बीम लटका हुआ दिखाई देता हो।
उनका शयन कक्ष, कमरे और दरवाजे का रंग गुलाबी, हल्का पीला, सफेद, चमकीला होना चाहिए। ऐसे जातक नवरात्रि में प्रतिपदा से लेकर नवमी तक दुर्गा मंत्र का 44 हजार बार जप मूर्ति या चित्र के सम्मुख करें।
किसी भी लड़के या लड़की को विवाह में बाधा आ रही हो तो विघ्नकर्ता गणेशजी की उपासना किसी भी चतुर्थी से प्रारम्भ करके अगले चतुर्थी तक एक मास करना चाहिए।
108 बार ‘ऊं गं गणेशाय नम:’ मंत्र पढ़ते हुए गणेशजी पर 108 दूर्वा चढ़ाएं और नैवेद्य में मोतीचूर के दो लड्डू चढ़ाएं। भगवान शंकर और पार्वती की विशेष पूजा भी लाभ देती है।